सहसवान। क्षेत्र के मुजरिया क्षेत्र स्थित कोल्हाई पर सम्बद्ध एक बाबू सुविधा शुल्क लेकर बना रहा आधार कार्ड जो कार्ड के नाम पर वसूल रहा है अवैध धन उगाही। स्कूल के बच्चों की तारीख लगाकर नही बनाता कार्ड। सहसवान के बीआरसी केंद्र कोल्हाई पर बेसिक शिक्षा की तस्वीर बदलने की कवायद में शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शासन के उच्च अधिकारियों के आदेश से स्कूल के बच्चों के आधार कार्ड निशुल्क बनाने के लिए बीआरसी स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को मशीने दी गयी हैं लेकिन कोल्हाई केंद्र पर मिली दो मशीनों में एक अनुदेशक और एक कार्यालय पर अटैच एक बाबू द्वारा चलाई जा रही है जो कि अभी हाल ही में पदोन्नत होकर नगर क्षेत्र सहसवान में कार्यरत है। बुधवार को केंद्र पर शिकायत मिली कि कार्यालय के बाबू द्वारा दो स्कूल के बच्चों को आधार कार्ड बनबाने को स्कूल के टीचर के माध्यम से बुलाया गया था लेकिन बीआरसी पर पहुंचे बच्चे अपने माँ बाप के साथ पूरे दिन भूखे प्यासे भटकते रहे लेकिन आधार कार्ड बनाने कार्यालय का बाबू नही आया,ज्ञात हुआ कि वह बाबू खण्ड शिक्षा अधिकारी के साथ पूरे दिन क्षेत्र में घूमता रहा। बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल के बच्चों से 100 प्रति बालक व अलग से किसी का बनवाने के लिए 300 रुपये सुविधा शुल्क लिया जाता है।जबकि विभागीय अधिकारियों की मानें तो निशुल्क बच्चों के कार्ड बनाने के लिये ही बीआरसी पर मशीने दी गयी हैं। एक ओर विद्यालयों व कार्यालय पर अटैचमेंट की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है लेकिम दूसरी ओर बीआरसी कोल्हाई पर नगर क्षेत्र के बाबू की संबद्धता चर्चा का विषय बना हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारी की नाक के नीचे हो रहे इस तरह के कारनामो से बेसिक शिक्षा विभाग पर एक बार फिर से प्रश्नचिन्ह लग जाता है। इतना ही नही देखा गया कि सत्र को छह माह से अधिक बीत जाने पर भी विद्यालयों में बच्चों तक किताबे नही पहुंच पाई हैं जबकि बीआरसी के स्टोर रूम में किताबे भरी हुई हैं। निशुल्क किताबे बच्चों को मिलने का प्रावधान है कि बीआरसी से प्रत्येक स्कूल तक भेजी जाएं लेकिन जानकारी मिली कि शुरू में कुछ विद्यालयों में किताबे भेज दी गयी अब शेष विद्यालयों को किताबे नही पहुचाई गयी हैं। क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी से बात करने का प्रयास किया जाए तो फ़ोन नही उठता और यदि उठ जाए तो संतोषजनक उत्तर नही मिलता साथ ही साथ बीएसए बदायूं भी फोन का उठाने में असमर्थता जमाते हैं क्योंकि अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह है गोरखधंधे चल रहे हैं।