बदायूं। भारतीय किसान यूनियन असली अराजनैतिक ने संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर सोमवार को मालवीय परिसर में मुंह पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस विभिन्न मांगों को लेकर मनाया। धरने का संचालन जिला सचिव सूरज पाल सिंह ने किया। उन्होंने सरकार की नीतियों के बारे में बताते हुए कहा कि खीरी लखीमपुर में किसानों के साथ खूनी नरसंहार करने वाले आरोपी खुले में अपने पिता के बल पर घूम रहा है और गृह राज्य मंत्री भी अपने पद पर बने हुए हैं।
उन शहीद किसानों को घोषित मुआवजा नहीं मिला मिला है। अभी तक धरने की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए जिला अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह राठौर ने कहा लखीमपुर खीरी का कांड अभी तक खत्म नहीं हुआ और भारतीय जनता पार्टी समर्थकों ने किसानों पर कासगंज में जानलेवा हमला किया और पुलिस ने भी किसानों पर लाठीचार्ज कर दी जिसमें सैकड़ों किसान जख्मी हुए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून नहीं लागू किया है। गन्ना किसानों को रूपया 450 कुंटल का भुगतान की मांग रखी है और सरकार ने बिजली संशोधन बिल 2022 तत्काल वापस लिया जाए और किसानों के निजी नलकूपों पर मीटर नहीं लगाए जाएं। तेलंगाना जैसे राज्यों में खेती के लिए उत्तर प्रदेश में बिजली फ्री की जाए। जंगली जानवर आवारा पशुओं से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। सरकारी स्तर से बार बद्दी कराई जाए इसका स्थाई समाधान निकाला जाए। जिला अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री फसल बीमा में हो रहे भ्रष्टाचार से किसानों को फायदा न करा कर अधिकारी और कंपनियां फायदा उठा रही हैं। फसल बीमा की राशि किसानों के खाते में पहुंचाई जाए। उत्तर प्रदेश में सूखाग्रस्त के कारण और सितंबर में अतिवृष्टि के कारण किसानों को फसल को नुकसान हुआ। किसानों को मुआवजा दिलाया जाए और जिले के अंदर शांति व्यवस्था चरमरा रही है। तहसीलों में अधिकारी किसानों के कार्य नहीं कर रहे हैं। भ्रष्टाचार की आवाज उठाने वाले किसान नेताओं और मीडिया बंधुओं पर झूठे मुकदमे लगवाए जा रहे हैं। अधिकारियों से भ्रष्टाचार की शिकायत की जाती है तुरंत मुकर जाते हैं ऐसे कार्य हुआ ही नहीं है क्योंकि अधिकारियों को ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों से मोटी रकम मिल रही है इसलिए यूनियन व मीडिया बंधुओं की बात नहीं सुनी जाती है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के यहां धरना को 10 दिन हो गया समस्याओं का समाधान नहीं हुआ अब होगा अनिश्चितकालीन धरना अगर भ्रष्टाचार की शिकायत पर अधिकारी कार्रवाई नहीं करेंगे और किसान नेताओं व मीडिया बंधुओं को झूठे मुकदमे दर्ज होंगे तो अधिकारियों का घेराव करेंगे।