पृथ्वीराज चौहान की जयंती के उपलक्ष में एक संगोष्ठी का आयोजन क्षत्रिय महासभा बदायूं के तत्वावधान में क्षत्रिय युवा सभा के जिला संयोजक रवि चौहान के टिकटगंज स्थित आवास पर महासभा के जिला उपाध्यक्ष अखिलेश चौहान की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम उपस्थित जनों ने पृथ्वीराज चौहान के चित्र पर माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान सोमेश्वर तथा कर्पूर देवी के पुत्र थे । विद्वानों के अनुसार उसका जन्म 1166 को हुआ था । 1168-69 में उसके पिता सोमेश्वर अपनी पत्नी तथा 2 पुत्रों के साथ शाकम्भरी चले गये और वहां अपने पूर्वजों के सिंहासन पर आसीन हो गये । पिता ने पृथ्वीराज को युवराजों-सी शिक्षा व सैन्य शिक्षा प्रदान की । 1177 में पिता के स्वर्गवासी होने पर पृथ्वीराज का राज्याभिषेक 15 वर्ष की अवस्था में हो गया । पृथ्वीराज चौहान ने भुवनायक मल्ल को सेनापति तथा कदंबवास को मुख्यमन्त्री बनाया। पृथ्वीराज चौहान एक वीर योद्धा, विद्यानुरागी और साहित्यकारों के आश्रयदाता थे । उनके दरबार में ”चन्दबरदाई” तथा ”जगनिक” जैसे कवि स्थान पाते थे । उन्होंने अपने रचित ग्रन्थों ”पृथ्वीराज रासो” तथा पृथ्वीराज विजय में अपने आश्रयदाता पृथ्वीराज चौहान की वीरतापूर्ण गाथाओं का अत्यन्त आलंकारिक, चमत्कारपूर्ण एवं अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन करके अपनी कृतज्ञता प्रकट की है ।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से रतन वीर सिंह, राकेश कुमार सिंह, जयवीर सिंह , शनि चौहान, सुरेश पाल सिंह, उमेश कुमार सिंह, राजपाल सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

अंत में कार्यक्रम संयोजक रवि चौहान ने सभी का आभार व्यक्त किया।