बदायूं। आज दिनांक 29.4.22 को उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय आह्वान पर संगठन के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष नवनीत गुप्ता शोंटू , युवा जिलाध्यक्ष लवकेश गुप्ता व नगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता के नेतृत्व में फूड एक्ट में व्यापारियों से संबधित समस्याओं के निराकरण के लिए माननीय मुख्यमंत्री के नाम संबोधित 10 सूत्रीय मांगपत्र जिला अभिहीत अधिकारी चंद्रशेखर मिश्रा को सौंपा। मांगपत्र प्रेषित करने से पूर्व बैठक को संबोधित करते हुए। जिलाध्यक्ष नवनीत गुप्ता शोंटू ने बताया की फूड एक्ट की विसंगताओ से खुदरा व्यापारियों का अनावश्यक उत्पीड़न व आर्थिक शोषण भी हो रहा है जिससे भय का माहौल बनता जा रहा है उन विसंगताओं को दूर करने के लिए प्रांतीय आह्वान पर 10 सूत्रीय मांगपत्र संगठन के माध्यम से मा.मुख्यमंत्री को प्रेषित किया जा रहा है।
शोंटू ने कहा कि मिलावट और जमाखोरी करने वाला समूह व्यापारी समाज में नही आता है किंतु अनावश्यक रूप से व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी दशा में बर्दास्त नही है।
नगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने बताया कि
मल्टीनेशनल कंपनियों के ऑनलाइन खाद्य पदार्थ सप्लाई किये जाने वालें सामान की क्वालिटी की जांच बाजारो से दुकानदारों के भरे जा रहे सेम्पलिंग के समान के अनुपात में ही की जाए। साथ ही मल्टीनेशनल कंपनी के ऑनलाइन फूड सप्लाई करने वाले डिलीवरी मैन के लिए फूड लाइसेंस अनिवार्यता की जाए।
जिला युवा अध्यक्ष लवकेश गुप्ता ने कहा कि विलंब शुल्क लाइसेंस की अंतिम तिथि समाप्त होने के उपरांत ही लगाया जाए जो एक माह पूर्व ही लगा दी जाती है साथ हीं पैकिंग के सामान का सैंपल फेल होने पर रिटेलर को भी अपराधी मानकर मुकदमा चलाया जाता है जबकि पैकिंग के सामान में रिटेलर किसी तरह की कोई मिलावट नहीं कर सकता इसलिए रिटेल के व्यापारी को बिल दिखाने पर मुकदमे में अपराधी के स्थान पर गवाह बनाया जाए सजा व जुर्माना पैकिंग करने वाले पर ही लगाया जाए।
जिला महामंत्री पी.के.सक्सेना ने बताया फूड एक्ट की प्रत्येक जिले में 10 से 25 तक रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी है जिन्हें समाप्त कर ऑनलाइन पोर्टल पर फूड एक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक जिले में एक रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी बनाई जाए और खाद्य कारोबार करने वाले से ट्रेनिंग के नाम पर 500 से ₹900 वसूल किए जा रहे यह सरासर गलत है सरकार की ही तरफ से निशुल्क ट्रेनिंग कैंप लगाया जाए।
जिला उपाध्यक्ष दीपक सक्सेना ने कहा कि निर्माताओं से मांगी जा रही सालाना रिटर्न ऑडिट की अनिवार्यता को तत्काल समाप्त कर खाद्य पदार्थों की पैकिंग पर आवश्यक सूचना के लिए माप तोल विभाग का पीसीआर एक्ट बना हुआ है सैंपल पास होने के बाद भी सैंपल को मिस ब्रांडेड या अघोमान घोषित किया जा रहा है। एक ही विषय पर दो विभागों से जांच सजा व जुर्माना उचित नहीं है इसलिए फूड एक्ट मैं पैकिंग एंड लेबलिंग के चालान समाप्त करने की व्यवस्था की जाए।
जिला कोषाध्यक्ष अमित वैश्य ने बताया खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम के सभी मामलों को अदालतों में भेजा जा रहा है एक्ट में दी गई व्यवस्था के अनुसार अधिकांश मामलों को शमन शुल्क जमा करा कर समाप्त किया जा सकता है अतः अभीहीत अधिकारी कार्यालय में शमन शुल्क जमा कराने की व्यवस्था लागू की जाए।
जिला युवा मंत्री सौरभ गुप्ता ने बताया कि खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल आने पर भारी सजा व जुर्माने की व्यवस्था की गई है इसलिए सैंपल भरे जाते समय जिन बोतलों में सैंपल भरा जाता है उन्हें स्टरलाइज किए जाने की व्यवस्था की जाए तथा व्यापारी को शीशी स्टरलाइज है यह प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए।
नगर युवा अध्यक्ष ऋषभ नारंग ने जिला अभिहीत अधिकारी से मांग करते हुए कहा कि व्यापारी और विभाग के बीच एक कैंप लगवाया जाए जिससे व्यापारियों को जानकारी मिल सके व उनका लाइसेंस भी उसी कैंप पर बन सके जिससे अनावश्यक उत्पीड़न से बचाव हो सके।
इस अवसर पर जिला मंत्री विनय गुप्ता, नगर युवा मंत्री निहित वैश्य ,नगर मंत्री गौरव कुमार, सोनू वर्मा,अवधेश रघुवंशी, अमित महाजन,अमित साहू, मनोज गुप्ता,राजेश गुप्ता, माइकल थापा,बिन्नी साहू, संजीव गुप्ता,अंशु वैश्य ,ध्रुव रस्तोगी आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर – भगवान दास