बदायूँ। जिले में पशुचिकित्सकों का हाल बहुत बुरा है। बेजुवानो की जिंदगी के साथ लगातार खिलवाड़ करते नजर आते हैं। इलाज़ के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति होती है। जनता को जरा जरा सी दवाइयां तक बाहर से लेनी पड़ती है। किसी भी बीमार पशु का तापमान चेक किये बिना ही इंजेक्शन लगा दिए जाते है। गौशालाओ में बड़े जानवर जो खाने पीने में असमर्थ होते हैं उनका इलाज बिना ग्लूकोस दिए किया जाता है और अगर ग्लूकोस देना भी पड़े तो ग्लूकोस के नाम पर सिर्फ एक आधा लीटर ग्लूकोस दिया जाता है। अब इंसान और इन जानवरो के लिए ग्लूकोस की मात्रा में तो फर्क होगा ही, पर यहां उनका इलाज नाम के लिए किया जाता है। पशु चिकित्सालय की इस लापरवाही पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का कोई ध्यान नहीं।
रिपोटर – विकेंद्र शर्मा