बदायूं । देव कैफे में आयोजित काव्य गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष हरिप्रताप सिंह राठौड ने यह सम्मान साहित्यिकारो को दिया जिसकी अध्यक्षता कामेश पाठक ने की कार्यक्रम की शुरूआत हर्ष मिश्रा की सरस्वती वंदना से हुई
उसके बाद कवियों ने काव्य पाठ किया जिसमें सुनील शर्मा ने कहा
हिन्दी भाषा में बसे जनमानस के प्रान
आओ हिल मिल कर करें हिन्दी का सम्मान
कामेश पाठक ने कहा…
हिन्दी प्रेमियों से हर बार है गुहार यही
कैसे भी हो हिन्दी का सम्मान होना चाहिए
ओजस्वी कवि षटवदन शंखधार ने कहा …..
सूर तुलसी कबीरा बिहारी की है
यह फकीरी की है राजदारी की है
एक हिन्दी जुबां अपनी है दोस्तों
बाकी हर एक भाषा उधारी की है
बिल्सी के विष्णु असावा ने कहा ….
भारत के माथे पर बिंदी के समान हिंदी
आओ मिलजुलकर इस भाल को सजाते हैं
शैलेन्द्र मिश्रा ने पढ़ा-
हो भारत की भाषा हिन्दी
जन जन की अभिलाषा हिंदी
विश्व पटल पर छा जाये यह
मानवता की आशा हिन्दी
हर्ष मिश्रा ने पढ़ा –
जनमानस की आन हुई है हिंदी से
भारत की पहचान हुई है हिंदी से
यूं तो हर भाषा का आंचल मिला हमें
पर माटी धनवान हुई है हिन्दी से
इसके अलावा प्रेम दक्ष ,अचिन मासूम आदि ने भी काव्य पाठ किया सभी साहित्यकारों का सम्मान किया गया साथ ही निरंतर हिन्दी के उत्थान के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए
कार्यक्रम का संचालन षटवदन शंखधार ने किया |कार्यक्रम के संयोजक शैलेन्द्र मिश्रा रहे।