सहसवान । एडीएम ने तहसीलदार को जांच कर कार्रवाई करने के दिए निर्देश प्रार्थी पर भड़के वीडियोग्राफी कर जबरन अंगूठा लगाने को दबाव बनाने लगे तहसीलदार। मामला तहसील सहसवान थाना जरीफनगर क्षेत्र के ग्राम मालपुर ततेरा का है। जहां भू माफियाओं ने स्टे होने के बावजूद भी जबरन अवैध कब्जा कर निर्माण करा लिया। जिसको लेकर वृद्ध हरपाल जिले की तेजतर्रार एडीएम रितु पुनिया के दरबार पहुंचा। जहां एडीएम रितु पुनिया ने पूरा मामला अपने संज्ञान में लेते हुए सहसवान तहसीलदार को स्वयं मौके पर जाकर जांच करने के आदेश दे दिए। लेकिन मजेदार बात यह रही की तहसीलदार महोदय जी बिना प्रार्थी को बताएं ग्राम मालपुर ततेरा पहुंच गए पहुंच कर प्रार्थी को फोन किया कि कहां हो प्रार्थी ने बताया साहब मैं तो तहसील में हूं । मैं तो आपका ही इंतजार कर रहा हूं ।इसी को लेकर तहसीलदार भड़क गए और कहने लगे गांव आ जाओ प्रार्थी कहने लगा साहब मैं अभी आता हूं । तहसीलदार कहने लगे ठीक है तहसील में ही रुको मैं आता हूं तहसीलदार के पहुंचते ही तहसील में प्रार्थी को न्याय की उम्मीद जागने लगी । लेकिन प्रार्थी को क्या पता कि तहसीलदार साहब का पारा हाईकमान पर है तहसीलदार कहने लगे मुझे बिना बताए वहां क्यों पहुंच गए ।प्रार्थी कहने लगा साहब मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही इसलिए मैं चला गया। इसी को लेकर तहसीलदार साहब आग बबूला हो गए और कहने लगे जांच तो मुझे ही करना है । इसी को लेकर वृद्ध हरप्रसाद की वीडियोग्राफी करने लगे कहने लगे इस कागज पर अंगूठा लगा । वृद्ध हरप्रसाद ने अंगूठा लगाने का कारण पूछा तो तहसीलदार साहब और भड़क गए । जिसको लेकर वृद्ध हरप्रसाद तहसील से भागता हुआ दिखाई दिया । आखिर एक बात समझ में नहीं आती आखिर तहसीलदार वृद्ध हरप्रसाद से अंगूठा क्यों लगवाना चाह रहे थे। आखिर अंगूठा लगवाने की क्या वजह थी। जबकि जिले पर बैठी तेजतर्रार एडीएम ने निपक्ष जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे ।लेकिन यहां तो सब तहसीलदार के द्वारा उल्टा होता हुआ नजर आया। वृद्ध हरप्रसाद की जमीन पर भू माफियाओं द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया । जिसको लेकर वृद्ध हरप्रसाद ने जगह-जगह न्याय की गुहार लगाई । लेकिन उसकी योगी सरकार में भी कहीं सुनवाई नहीं हुई एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं । तो कुछ अधिकारियों द्वारा भू माफियाओं को संरक्षण प्राप्त कराया जा रहा है ।अब देखना यह है की तहसीलदार द्वारा जांच कर जिले पर क्या आख्या लगाकर दी जाती है। या फिर खानापूर्ति कर वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर दिया जाता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।