बरेली: महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय को स्ववित्तपोषित कोर्सेज संचालित करने के लिए 14 संगठक महाविद्यालय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए हैं। ये जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति ने आवश्यक बैठक के दौरान दी। साथ ही उन्होंने इस दिशा में आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए।महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली स्टाफ एसोसिएशन सभागार में आज उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश के संदर्भ में एक मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के पी सिंह ने की।प्रदेश में नवनिर्मित एवं निर्माणाधीन संगठक महाविद्यालयों को संबंधित विश्वविद्यालय के क्षेत्र अंतर्गत संगठक चलाने के संबंध में इस बैठक का आयोजन शासन के निर्देशों के अनुसार हुआ। महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली को 14 संगठक महाविद्यालय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए हैं।बैठक में यूनिवर्सिटी के सभी अधिकारी, डीन और हेड ने भी शिरकत की। इस दौरान बैठक की शुरुआत में कुलपति प्रोफेसर के पी सिंह ने राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश का संदर्भ देते हुए बताया कि सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को भवन एवं जमीन आवंटित की जाएगी। जिस पर कॉलेज चलाने हेतु विश्वविद्यालय अपने संसाधनों का उपयोग करते हुए विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम खोलने एवं चलाने के लिए स्वतंत्र होगा।शासनादेश में इन महाविद्यालय को स्ववित्तपोषित योजना में चलाने का निर्देश हुआ है।गौरतलब है कि इस बारे में एक विस्तृत आख्या भी प्रदेश सरकार द्वारा मांगी गई है।कुलपति ने समिति का किया गठनकुलपति ने मीटिंग में एक समिति का गठन किया।जिसमें विभिन्न विषयों के वरिष्ठ शिक्षकों को शामिल किया गया, जो कि महाविद्यालयों की स्थित एवं निर्माण की प्रगति और उसके संचालन किये जाने हेतु उपयुक्त पाठ्यक्रम एवं डिग्री/डिप्लोमा सर्टिफिकेट संचालन हेतु अपनी रिपोर्ट विश्विद्यालय को सौंपेंगे।कुलपति ने मांगे सुझावविश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि कॉलेजो के सुचारू संचालन हेतु क्षेत्र विशेष में उपलब्ध उद्योगों एवं प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ वहां के परिवेश एवं आवश्यकता के अनुरूप ही पाठ्यक्रमों को तैयार किया जाना आवश्यक है, जिससे इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र अपने आसपास के समाज के लिए अधिक उपयोगी सिद्ध हो सके। उन्होंने शिक्षकों से उनके सुझाव देने को कहा और उन्हें धैर्य पूर्वक सुना और कुछ सुझाव की प्रशंसा भी की।बनाई जा रही कार्य योजनामीटिंग के दौरान शिक्षकों ने कुलपति के संज्ञान में इस बात को भी डाला कि अधिकतर कॉलेज दूर-दराज के क्षेत्रों में है। इनमें संचालित कोर्सेज का वित्तीय भार विश्वविद्यालय के ही कंधों पर होगा और इसकी पूर्ण जिम्मेदारी भी विश्वविद्यालय पर होगी।जिसपर यूनिवर्सिटी के वीसी ने कहा कि यदि इन कॉलेजों में रोजगार परक पाठ्यक्रम खोले जाएं जैसे फिशरी, डेयरी उद्योग से संबंधित पाठ्यक्रम ,कृषि से संबंधित पाठ्यक्रम और खेलकूद से संबंधित पाठ्यक्रम तो इन कॉलेजों को सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है।बैठक के दूसरे भाग में कुलपति के पी सिंह ने यूजीसी, एम.एचआर.डी., उत्तर प्रदेश सरकार इत्यादि सरकारी संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में जारी किए गए निर्देशों के संबंध में विश्विद्यालय द्वारा किये गए कार्यों का उल्लेख किया।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूनिवर्सिटी कर रही है कार्यउन्होंने बताया कि दिनांक 08/12/20 की कार्यपरिषद द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप कई निकाय का गठन रोहिलखण्ड विश्विद्यालय में हो चुका है, जिनमें सेंटर फॉर मल्टी लैंग्वेज स्टडीज, रिसर्च सेंटर, एनकुबेशन सेंटर, डायरेक्टरेट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स, ग्रासरूट्स इन्नोवेशन सेंटर, बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ, पूर्व छात्र परिषद(एलुमिनी), अटल सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रिसर्च सेंटर, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के निदेशालय की स्थापना एवं परामर्श प्रकोष्ठ कंसल्टेंसी सेल आदि।