सहसवान। उप जिला अधिकारी ज्योति शर्मा छात्र छात्राओं को प्रमोद इंटर कॉलेज सहसवान मे फेल करने का मामला 4 दिनों से गूंज रहा है इस प्रकरण में कल भी छात्रों ने नगर में जुलूस निकालकर प्रमोद इंटर कॉलेज के विरुद्ध शासन के गाइडलाइन के विपरीत बच्चों को फेल करने का मामला गरमाया हुआ था जिसको लेकर नगर में छात्रों ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया था और गाइड लाइन के अनुसार पास करने की बात कही थी उसके बाद छात्र लोग तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन करने लगे समय करीब 1 बजे उप जिलाधिकारी ज्योति शर्मा को छात्रों ने शिकायती पत्र प्रस्तुत करते हुए कालेज के अध्यापकों पर ट्यूशन खोरी करने सहित फेल करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उप जिलाधिकारी ने बच्चों को विश्वास दिलाया था आपके साथ न्याय होगा इसी का संज्ञान लेने के लिए आज दोपहर लगभग 1 बजे उप जिलाधिकारी एवं नायब तहसीलदार ने प्रमोद इंटर कॉलेज मैं जाकर जानकारी हासिल की और उप जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि 1 घंटे के अंदर कक्षा 9 वा 11 के छात्र-छात्राओं की फेल पास बच्चों की उत्तर पुस्तिका उपलब्ध कराएं लेकिन विद्यालय प्रबंध तंत्र ने उप जिलाधिकारी के आदेशों को दरकिनार करते हुए लगभग 3 घंटे बाद उत्तर पुस्तिकाएं उप जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचाएं इससे प्रतीत होता है इस कॉलेज प्रबंध तंत्र की भूमिका कितनी संदिग्ध है जो उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशों को भी ताक में रखने की कोशिश करता है दूसरी ओर मजेदार बात यह है बदायूं जनपद में समस्त इंटर कॉलेजों के कक्षा 9 व 11 के छात्र छात्राओं को प्रमोट अगली क्लास में कर दिया गया है लेकिन इस इंटर कॉलेज द्वारा कुछ बच्चों को पास एवं कुछ को फेल कर दिया गया यह मामला पहला नहीं है इससे पहले 2012 मैं भी ट्यूशन खोर शिक्षकों के खिलाफ नगर वासियों ने जिलाधिकारी बदायूं से शिकायत की थी जिसकी जांच सहसवान के राजस्व टीम द्वारा की गई थी जिसमें मौके पर कई टीचर रंगे हाथों पकड़े गए उसके बाद उप जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन डीआईओएस सुशीला देवी ने मामले का संज्ञान लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए नितिन महेश्वरी जो बच्चों को कॉमर्स पढ़ाता है को तत्काल प्रभाव से कॉलेज से बाहर करने का आदेश दे दिया लेकिन तीन चार महा बाद कालेज प्रबंध तंत्र ने उस अध्यापक को दोबारा से कॉलेज में प्रवेश दे दिया हालांकि उस वक्त डीआईओएस सुशीला देवी का ट्रांसफर खो जाने का फायदा कालेज प्रबंधन ने पूरा उठाया यह आम बात है अगर छात्र छात्राएं ट्यूशन नहीं पड़ेगी तो उन्हें सेल कर दिया जाएगा या उन्हें कॉलेज क्लास में इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वह ट्यूशन पढ़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं अभिभावक भी चाहते हैं कि बच्चों का भविष्य स्कूल पर निर्भर रहता है वह सोचते हैं कि कहीं इनकी शिकायत की गई तो यह है बच्चों के साथ चरित्र खराब होने का ना लिख दे इसी डर से इस कॉलेज में इतना भ्रष्टाचार है आज भी कोविड-19 के तहत कोचिंग पर कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार बंदी के आदेश हैं उसके बावजूद सुबह 6 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक इस कॉलेज के अध्यापक ट्यूशन पढ़ाने को छात्र छात्राओं को मजबूर कर रहे हैं अगर डीआईओएस जो अभी-अभी बदायूं जनपद आये है वह इस कॉलेज के भ्रष्टाचार के रवैया से पूरी तरह अवगत नहीं है अगर वह स्वयं सुबह 6 बजे आ जाएं तो यहां के पत्रकार लोग स्वयं उन्हें इन ट्यूशन खोर शिक्षकों को रंगे हाथों पकड़वा सकते हैं मजेदार बात यह है आज तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मात्र हाथ हथेली में सांठगांठ कर इन्हें अभयदान दे रखा था अब देखना है नवनियुक्त डीआईओएस इन पर किस तरह लगाम लगा पाएंगे एक और बात मजेदार है उत्तर प्रदेश में समस्त इंटर कॉलेजों ने छात्र छात्राओं को प्रमोट कर दिया कक्षा 9 व 11 लेकिन यह कॉलेज क्या अनोखा साबित हो रहा है जो शासन के नियमों को भी नहीं मानता जबकि बच्चों ने परीक्षा भी दी उसके बावजूद फेल करना इनकी हठधर्मिता ही कहीं जाएगी नहीं मानते है शासन प्रशासन के नियमों को रहते हैं अपनी तानाशाही में अब देखना है इन पर क्या कार्रवाई होती है