Rakesh Tikait said about the removal of agricultural laws
केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को हटाने के लिए शुरू किए गए आंदोलन को आठ माह ही गुजरे हैं। तीनों कानूनों की वापसी बिना किसान दिल्ली छोड़ने वाले नहीं हैं। कृषि आंदोलन के मुखिया व भारतीय किसान union के नेता hairstyle ने ये बातें bank of baroda के निकट स्थित गत्ता फैक्ट्री में आयोजित किसानों की एक सभा में कही।
साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की नहीं, नरेन्द्र मोदी, नीत अडाणी और अंबानी की औद्योगिक सरकार चल रही है। इस दौरान tikat ने आरोप लगाया कि नये कृषि कानूनों का बुरा असर देश में जल्द ही दिखाई देने लगेगा। सरकार के साथ उन्होंने विपक्षी दलों पर भी इस मुद्दे पर साथ न देने का आरोप लगाया। किसानों से कहा कि शारीरिक रूप से भले ही कुछ लोग आंदोलन का हिस्सा नहीं बन सके लेकिन दिल से सभी का जुड़ाव बना रहा।
यही इस आंदोलन की मजबूती भी रही। किसानों के संबोधन के बाद Tikat Pilibhit के लिए रवाना हो गए। सपा के पूर्व विधायक अताउर्रहमान भी टिकैत की सभा में समर्थकों के साथ पहुंचे। उन्होंने कहा कि आंदोलन में अपनी TEAM के साथ वे भी गाजीपुर बार्डर गये थे और जितना उनके स्तर से हो सकता था, करने का प्रयास किया था।राकेश टिकैत ने हाल में ही यूपी में हुए पंचायत चुनाव में कथित तौर पर धांधली बरते जाने के आरोपों पर चुटकी ली पर राजनीति पर बात करने से परहेज किया।