After the death of the person, there was no money to give to the hospital, the body was lying in the hospital for two and a half months

up के हापुड़ जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. करीब ढाई महीने तक corona positive का शव अस्पताल में पड़ा रहा. आखिर में एनजीओ की मदद से उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. मामला सिटी कोतवाली इलाके का है. मृतक युवक अप्रैल महीने में corona positive हुआ था. इलाज के लिए उसे मेरठ रेफर किया गया था. मेरठ में इलाज के दौरान व्यक्ति की मौत हो गयी थी.
अस्पताल की तरफ से मृतक की पत्नी को शव देने के लिए 15 हजार रुपये मांगे गए. मृतक की पत्नी के पास अस्पताल को देने के लिए पैसे नहीं थे. पैसों का इंतजाम करने वो हापुड़ आ गई. यहां भी बात नहीं बनी तो अपने दो बच्चों को साथ लेकर अपने गांव चल गई. इस तरह से शव को अस्पताल में रखे हुए ढाई महीने बीत गए.
जब ढाई महीने बाद भी कोई शव लेने नहीं आया तो मेरठ अस्पताल ने उसे हापुड़ स्वास्थ्य विभाग को भिजवा दिया. हापुड़ स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिन पहले शव को GS Medical College में रखवा दिया और प्रशासन के सहयोग से परिजनों को ढूंढने लगे. जब परिजनों का पता चला तो उन्हें शव दे दिया गया और एनजीओ के माध्यम से शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया.

इस मामले में Hapur CHC in-charge Dr. Dinesh Khatri का कहना है कि मृतक के भाई को Meerut के Hospital से positive की बात बताई गई थी, लेकिन वह यह बात सुनकर भाग गया था. तब से उसने अब तक अपना mobail भी switch off किया हुआ है. अब मृतक के मकान मालिक व उसकी पत्नी को ढूंढ कर शव उनके सुपुर्द कर दिया गया है. शव का अंतिम संस्कार भी एक NGO के माध्यम से करा दिया गया है.

By Monika

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