भिवाड़ी की रात एक परिवार पर कहर बनकर टूटी। बीती रात JNS INSTRUMENTS LTD. कंपनी गेट के बाहर एक तेज रफ्तार ट्रक ने मेहनतकश मजदूर जितेंद्र गिरी को कुचल डाला। चौपांकी की ए.सी. कंपनी से ड्यूटी पूरी कर घर लौट रहे जितेंद्र को यह नहीं पता था कि यह उसकी जिंदगी की आख़िरी सवारी होगी।

हादसे के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल मोर्चरी में रखवाया, लेकिन इस बीच जितेंद्र के घर मातम पसर चुका था। चार मासूम बच्चे दरवाज़े पर पिता की राह देख रहे थे, वहीं पत्नी चीख-चीखकर बेसुध हो गई। पूरे मोहल्ले में सन्नाटा और आंसुओं का समंदर उमड़ पड़ा।

परिजनों का कहना है कि जितेंद्र अपने बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्च के लिए दिन-रात मेहनत करता था। अब अचानक यह सहारा छिन जाने से पूरा परिवार उजड़ गया है। हर किसी की जुबान पर बस एक ही सवाल है—नन्हें बच्चों का भविष्य कौन संभालेगा?

स्थानीय लोग आक्रोशित हैं और मांग कर रहे हैं कि लापरवाह ट्रक चालक को तुरंत गिरफ्तार किया जाए तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा और मदद दी जाए। यह हादसा केवल एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे भिवाड़ी की आत्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है।

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