बदायूँ: 02 दिसम्बर। सहायक श्रमायुक्त श्वेता गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में 01 से 15 दिसम्बर तक बाल एवं किशोर श्रमिकों के चिन्हांकन एवं पुनर्वासन के प्रभावी कियान्वयन हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने समस्त सेवायोजको व प्रतिष्ठान मालिकों से अपील है कि वे अपने अधिष्ठानों व प्रतिष्ठानों, कारखानों में 18 वर्ष से कम उम्र के बालक व किशोरों को नियोजित न करें।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) 1986 यथा संशोधित, 2016 के अन्तर्गत 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को किसी भी प्रकार के कार्य करने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है तथा 14 वर्ष से 18 वर्ष के किशोर को खतरनाक व्यवसाय व प्रक्रियाओं यथा खदानों, विस्फोटक सामग्री बनाने वाले प्रतिष्ठानों व कारखाना अधिनियम के अन्तर्गत अधिसूचित खतरनाक प्रक्रिया व व्यवसायों में भी किशोर के कार्य करने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिसके उल्लंघन पर संबंधित सेवायोजक के विरूद्ध बाल श्रमिक (14 वर्ष से कम) को योजित करने पर रूपये 50,000 रुपए तक का जुर्माना एवं वसूली तथा 06 माह से 02 साल की कैद तथा 14 से 18 वर्ष के किशोर श्रमिकों को योजित करने पर रूपये 20,000 रुपए जुर्माना एवं 06 माह की कैद की कार्यवाही मा0 न्यायालय द्वारा की जा सकती है।

