इटावा:-प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का दावा है कि वो तो देशभर के सभी समाजवादियों को एक करके मुलायम सिंह यादव या फिर अखिलेश यादव को पीएम नरेंद्र मोदी का विकल्प बनाना चाहते थे।‍उन्होंने अपने इटावा स्थित आवास पर मीडिया से खास बातचीत में कहा है कि अगर देशभर के सभी समाजवादी एक साथ हो जाते तो आज कम से कम तीन सूबों में समाजवादियों की मजबूत सरकार हो सकती थी, लेकिन अड़चन डालने वाले जो लोग थे वे आज भी उसी रास्ते पर हैं। इसके साथ उन्‍होंने कहा कि अब तो हमने अपनी पार्टी बना ली है और संघर्ष के रास्ते पर निकल चुके हैं।यूपी में हमारा संगठन मजबूती के साथ खड़ा हुआ है।इसके अलावा शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राजनीति में नेता हो या फिर कार्यकर्ता की जुबान की अहमियत होती है, जो लोग परिवार एक न हो इसके लिए ही बयान देते हैं।हमने अपनी पार्टी बना ली है और प्रदेश के विभिन्न इलाकों के दौरे पर निकले हुए हैं। अब हमें यह चिंता नहीं कौन क्या कह रहा है, लेकिन एक बात तो तय है कि अब किसी भी पार्टी में प्रसपा का विलय नहीं होगा, बस गठबंधन हो सकता है।प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि साल 2014 में देश में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के फौरन बाद सपा के रजत जयंती समारोह के दौरान देशभर के समाजवादियों को एक मंच पर लाने का जो प्रयास किया था।उसे पलीता लगाने वाले कौन लोग थे ? क्या आप नहीं जानते हैं। क्या मैं यह सब अपने लिए कर रहा था।मैंने तो तभी अखिलेश यादव को अपना नेता स्वीकार कर लिया था और जो कुछ करना चाहता था वह नेताजी और उनके लिए ही था, लेकिन उस मंच पर जो कुछ हुआ और उसके बाद आज तक परिवार को एक होने से कौन रोक रहा है यह अब किसी से छिपा नहीं है।इसके साथ उन्‍होंने कहा कि आपको क्या नहीं पता है कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद समाजवादी पार्टी सिर्फ पांच सीटें जीती थी।देश में बिखरा हुआ समाजवादी परिवार एक करने के लिए सबसे पहले मैंने ही पहल की थी और तब नीतीश कुमार, एचडी देवगौड़ा, शरद यादव, ओमप्रकाश चैटाला का पूरा परिवार, लालू यादव, कमल मोरारका, अजीत सिंह और अंसारी बंधु तक समाजवादी पार्टी में विलय के लिए तैयार हो गये थे।इन सभी ने मुलायम सिंह यादव को अपना नेता मान लिया था।अगर यह सब हो जाता तो क्या नेताजी देश के सामने भाजपा का विकल्प नहीं बन सकते थे। उस समय इसे तुड़वाने का सूत्रधार कौन था क्या आप नहीं जानते हैं।शिवपाल ने माना कि आज सूबे में जनता को मजबूत विकल्प की तलाश है और बीजेपी को सत्ता से हटाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है।उन्होंने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं और अब हमारा छोटे दलों को एक साथ लाने का प्रयास है।इसके अलावा पंचायत चुनाव में अपनी पार्टी की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक पंचायत चुनावों का सवाल है तो हमारी पार्टी ने गांव पंचायतों के चुनावों में किसी तरह की दिलचस्पी नहीं लेने का निर्णय लिया है, लेकिन जिला पंचायतों के चुनाव में प्रदेश की सभी जिला इकाइयों पर छोड़ दिया है । अगर वे राय मांगेगी तो हम विचार करके जरूर तय करेंगे कि कहां पर हमारी पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष बन सकते हैं उसे जरूर देखा जायेगा। इसका सीधा संकेत माना जा रहा है कि करीब डेढ़ दशक से इटावा की जिला पंचायत पर समाजवादी पार्टी के एकाधिकार को चुनौती मिलनी तय है।

By Monika

Влияние дня недели, в котором вы Решите загадку за 7 секунд: поиски Пандо, 45-летняя угадка, Люди с полным зрением Загадка, которая заставит вас подумать: в 10 секунд вы Невероятные способности: люди смогут увидеть
slot thailand