सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1 सितंबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा के विषय में आज विरोध प्रदर्शन करते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रव्यापी आवाहन पर आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश बदायूं के द्वारा सैकड़ों शिक्षकों के साथ जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी के नाम ज्ञापन दिया गया। यह ज्ञापन जिलाधिकारी के द्वारा नामित सिटी मजिस्ट्रेट बदायूं श्री राजेश कुमार सिंह जी को दिया गया।

जिला संयोजक श्री दुष्यंत कुमार रघुवंशी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों की जिनकी सेवा अवधि 5 वर्ष से अधिक है उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के आदेश दिए गए है जबकि जब उनकी नियुक्ति हुई थी तब वह नियुक्ति की अहर्ता को पूर्ण कर चुके थे। प्रदेश में 2011 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया जिसमें इससे पूर्व की नियुक्ति में टेट को

अनिवार्य नहीं माना था लेकिन इस आदेश से सभी शिक्षकों जिनकी सेवा अवधि 5 वर्ष से अधिक है टेट की अनिवार्यता घोषित की गई है जिससे पूरा शिक्षक समाज इस अव्यावहारिक आदेश के खिलाफ सदमे में है।जिला सह संयोजक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि अखिल भारतीय

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रव्यापी आह्वाहन पर आज जनपद बदायूं के साथ ही भारतीय गणराज्य के 780 जनपदों में एक साथ यह ज्ञापन दिया जा रहा है।सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश ने लाखों शिक्षकों के सेवा सुरक्षा एवं आजीविका को संकट में डाल दिया है इस संकट की घड़ी में माननीय प्रधानमंत्री जी से अपेक्षा की

जाती है कि वह वैध नियमों के अंतर्गत नियुक्त अनुभवी शिक्षकों की सेवा सुरक्षा एवं गरिमा को सुनिश्चित करते हुए न्यायोचित समाधान करेंगे। जिला सह संयोजिका सोनी गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व के आह्वाहन का यह प्रथम चरण है आगे जो भी निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार विरोध एवं प्रदर्शन तब तक जारी

जारी रहेगा जब तक शिक्षकों को न्याय नहीं मिल जाता।
इस अवसर पर अंकुर कुमार,धीरज शर्मा,लखेंद्र सिंह राठौर,अनुराग गुप्ता,नंद किशोर पाठक,आदेश कुमार सिंह,मनोज कुमार,जितेंद्र सिंह,दिवाकर शर्मा,मुकुल

राठौर, शुभम कुमार,हिमांशु सक्सेना,भानुप्रताप सिंह,जवाहर लाल,कृष्ण कुमार गौतम,सुधीर साहू , नंदिनी वरनवाल,रीता रानी,काजल दुबे, निहारिका रस्तोगी,आयुषी पाराशरी सहित ब्लॉक स्तरीय सभी पदाधिकारी एवं सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।