भिवाड़ी मंगलवार को दोहरी गूंज का गवाह बना—एक तरफ औद्योगिक प्रदूषण पर मंत्री की सख्ती, दूसरी तरफ आस्था और राजनीति पर उनके तीखे बयान। राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने रिको गेस्ट

हाउस में अधिकारियों के साथ अहम समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने साफ स्वीकार किया कि भिवाड़ी की कुछ फैक्ट्रियां खुले में अनट्रीटेड पानी और इंडस्ट्रियल वेस्ट छोड़ रही हैं, जिससे हवा और पानी लगातार

जहरीले हो रहे हैं। मंत्री ने इसे “जनता के स्वास्थ्य पर हमला” बताते हुए प्रदूषण विभाग को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि अब लापरवाह औद्योगिक इकाइयों पर कोई रियायत नहीं मिलेगी और भिवाड़ी को हर हाल में प्रदूषण मुक्त, हरित क्षेत्र की दिशा में आगे बढ़ाना होगा।

बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक प्रशांत किरण और एडीएम सुमित्रा मिश्र सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री ने इस मौके पर दूसरा बड़ा ऐलान किया कि नवनिर्मित भर्तृहरि नगर जिले का मुख्यालय खैरथल ही रहेगा। उन्होंने कहा कि जहां कलेक्टर बैठता है, वही जिला मुख्यालय माना जाता है और इस पर भ्रम फैलाना जनता को गुमराह करने जैसा है।

यही नहीं, मंत्री ने अपने आस्था भरे शब्दों से भी संदेश दिया। उन्होंने कहा—“भर्तृहरि बाबा लोक देवता हैं, उन्हें सच्चे मन से याद करने पर सारे संकट दूर हो जाते हैं, यहां तक कि वे दिल्ली में भी दर्शन देते हैं।” तिजारा को उन्होंने सौभाग्यशाली बताया कि यहां बाबा की गुंबद और पूजा स्थल है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मंत्री बोले कि कांग्रेस अच्छे कामों में हमेशा अड़चनें डालती आई है। आंदोलन करने से हमें एतराज नहीं, लेकिन आंदोलन जनता की मूलभूत समस्याओं और विकास से जुड़े मुद्दों पर होना चाहिए, न कि राजनीतिक भ्रम फैलाने के लिए।

भिवाड़ी में मंत्री की सख्ती से उद्योग जगत में हलचल, तो आस्था और राजनीति के संदेश से सियासी तापमान भी बढ़ गया है।

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