संतुष्ट फीडबैक कम मिलने पर स्पष्टीकरण तलब, शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के कड़े निर्देश

बरेली, 05 दिसम्बर।
जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के प्रभावी निस्तारण में अपेक्षित गुणवत्ता न प्रदर्शित करने पर जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कई विभागीय अधिकारियों के प्रति कड़ी नाराज़गी जताई है। माह नवम्बर की समीक्षा के दौरान जिन अधिकारियों का संतुष्ट फीडबैक स्कोर 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत के बीच पाया गया, उनसे तत्काल स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

जनसुनवाई पोर्टल अत्यंत महत्वपूर्ण—लापरवाही अस्वीकार्य : जिलाधिकारी

जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि जनसुनवाई पोर्टल शासन की अत्यंत महत्वपूर्ण व्यवस्था है, जिसका उद्देश्य जनता की शिकायतों का—

  • त्वरित,
  • पारदर्शी,
  • तथा संतोषजनक समाधान
    सुनिश्चित करना है।

उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही, उदासीनता या औपचारिक व्यवहार किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इन अधिकारियों का प्रदर्शन रहा असंतोषजनक – स्पष्टीकरण तलब

जिलाधिकारी ने जिन अधिकारियों को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस भेजा है, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं—

  • सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी
  • जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी
  • सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, उ.प्र. राज्य सड़क परिवहन निगम
  • जिला आबकारी अधिकारी
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी
  • अधिशासी अभियंता (यांत्रिकी) सिंचाई यांत्रिक
  • अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद बहेड़ी
  • परियोजना अधिकारी, नेडा
  • सहायक अभियंता, लघु सिंचाई
  • प्रभारी चिकित्साधिकारी, रामनगर
  • जिला क्षय रोग अधिकारी

जिलाधिकारी ने इन सभी को निर्देश दिया है कि वे शिकायतों के निस्तारण में पूर्ण गंभीरता अपनाएँ और शिकायतकर्ताओं से समयावधि के भीतर संपर्क कर संतोषजनक फीडबैक प्राप्त करें।

सुधारात्मक कदम तुरंत लागू करने के निर्देश

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि—

  • प्रत्येक शिकायत का समय पर, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें,
  • शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत रूप से संवाद स्थापित किया जाए,
  • और भविष्य में इस प्रकार की स्थिति न दोहराई जाए, इसके लिए सुधारात्मक एवं ठोस कदम तुरंत लागू किए जाएँ।

विभागाध्यक्षों को भी मिली चेतावनी

जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कार्यों की नियमित समीक्षा करें, ताकि जनसुनवाई प्रणाली के माध्यम से जनता की समस्याओं का उच्च गुणवत्ता के साथ समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था जनता के प्रति प्रशासन की जवाबदेही का महत्वपूर्ण आधार है और किसी भी प्रकार की ढिलाई बरदाश्त नहीं की जाएगी।

योगी सरकार बनी बुज़ुर्गों की ढाल, ठंड में नहीं कांपेंगे असहाय, बांटे जायेंगे मुफ्त कम्बल..

कड़ाके की सर्दी और शीतलहर से बेसहारा और असहाय बुजुर्गों को बचाने के लिये योगी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। बुजुर्गों की देखभाल को मज़बूती देने के लिए राज्य में एल्डर लाइन हेल्पलाइन 14567 पूरी तरह सक्रिय कर दी गई है। इस हेल्पलाइन के ज़रिये बुज़ुर्गों को तत्काल बचाव, परामर्श, कानूनी मदद, ट्रेसिंग और वृद्धाश्रम स्थानांतरण जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इसके अलावा बरेली जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने गुणवत्ता परखने के बाद 6185 कंबलों की सप्लाई के आदेश क्षेत्रीय प्रबंधक हस्तशिल्प विभाग एवं विपणन निगम लिमिटेड को दिये हैं। जिलाधिकारी ने खुद कंबलों का वजन, आकार और ऊन प्रतिशत देखकर गुणवत्ता की जांच की। जेम पोर्टल से खरीदे जायेंगे कम्बल।जिलाधिकारी ने बताया कि प्रत्येक कम्बल पर अंकित कराया जायेगा कि येय राजस्व विभाग के सौजन्य से निःशुल्क वितरित करने के लिये हैं बिक्री हेतु नहीं। डीएम ने सभी तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि कंबल वितरण में किसी प्रकार की अनियमितता न हो और पहले उन स्थानों को प्राथमिकता दी जाए जहां बुज़ुर्ग, असहाय और गरीब लोग खुले आसमान में या असुरक्षित हालात में रह रहे है..