भिवाड़ी साइबर क्राइम थाना ने अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह पर सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की ठगी का खुलासा किया है। जयपुर रेंज आईजी के सुपरविजन और एसपी प्रशांत किरण के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई ने साइबर ठगों की जड़ों को हिला दिया है।

जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने अब तक 1930 एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के मुताबिक 61 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की। अकेले पीड़ित योगेश जे. देसाई से 40 करोड़ रुपये हड़पे गए। गिरोह फर्जी फर्म बनाकर फर्जी बैंक खाते खोलता, फिर इन खातों को साइबर अपराधियों को बेचकर मोटा कमीशन कमाता था।

पुलिस ने दबिश देकर तीन शातिर आरोपियों – वकिल अहमद (40), राशिद (28) और अजमत अली (39) को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 11 बैंक चेकबुक, 4 एटीएम कार्ड, 4 क्यूआर कोड, 1 स्वाइप मशीन और 5 मोबाइल फोन बरामद किए गए।

पड़ताल में खुलासा हुआ कि अभियुक्तों द्वारा संचालित खातों पर देशभर के विभिन्न राज्यों से 100 से अधिक फ्रॉड शिकायतें दर्ज हैं। इनमें एचडीएफसी बैंक खाते में 20 लाख का लेनदेन, ओवरसीज बैंक खाते में 50 करोड़ की ठगी और तमिलनाडु बैंक खाते में 11 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ।

शातिर गिरोह साइबर ठगी की राशि को इन खातों में मंगवाकर 10–20% कमीशन लेता और बाकी रकम ठगों तक पहुंचाता था। इस तरह पूरा गिरोह इंटरस्टेट साइबर म्यूल नेटवर्क चला रहा था। इस कामयाब कार्रवाई में डीएसपी जयसिंह की अगुवाई में एसआई बिसना, कानि मुकेश चौधरी, कानि संदीप और आशीष की विशेष भूमिका रही।भिवाड़ी साइबर क्राइम थाना की इस बड़ी सफलता ने न सिर्फ शातिर साइबर ठगों की कमर तोड़ दी है बल्कि यह भी साबित किया है कि राजस्थान पुलिस अब साइबर माफिया पर नकेल कसने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यह मामला देशभर के लिए चेतावनी है – साइबर ठगों से बचने के लिए 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत शिकायत करें और सतर्क रहें।

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