सहसबान। प्रशासन द्वारा जलाए जा रहे अलाव पर्याप्त नहीं लोगों का आरोप गीली लकडी का किया जा रहा है प्रयोग जो सर्दी से निजात दिलाने मे नाकाफी है अलाव के सामने खड़े होकर भी सर्दी से ठिठुर रहे है लोग बुधवार को भी नहीं हुए सूर्यदेव के दर्शन कड़ाके की ठंड से लोगों को जूझना पड़ रहा है भयंकर ठंड के चलते लोग घरों मे दुबके नजर आए पिछले कई दिनो से सर्दी का सितम जारी है दूकानदारों द्वारा सर्दी से बचने हेतू अपनी दुकानों के डिब्बे ,गत्ता ,पिन्नी ,हीटर या लकड़ी के अलाव जलाकर किसी तरह सर्दी से बचने के प्रयास कर रहे है शाम होते ही मुख्य बाजार मे सन्नाटा पसर जाता है प्रशासन द्वारा मुख्य चौराहों ,सार्वजनिक स्थानो पर जलाए जा रहे अलाव मे गीली लकड़ियों का प्रयोग किया जा है लकड़ी गीली होने के साथ उनकी मोटाई भी अधिक होती है जो सिर्फ धुआँ देने के अलावा और कुछ नहीं देती प्रशासन द्वारा भेजे जाने वाले कर्मचारी गाड़ी से मुख्य चौराहों पर दो दो ,तीन तीन लकड़ी फेंक कर चले जाते है उन मोटे लकड़ी के गिलटो मे आग जल ही नहीं पाती धुआँ ही निकलता रहता है लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा सूखी लकड़ी उपलब्ध कराई जाएँ आए दिन हल्की बूंदाबांदी होती रहती है । आसमान में कई दिन से बादल छाए हुए है । जिससे सूर्यदेव के दर्शन के लिए लोग तरस गए। शाम होते ही लोग सर्दी से बचने के लिए अपने घरों की ओर रूख कर लिया करते है । सर्दी का आलम यह था कि लोग दोपहिया वाहनों से यात्रा करने से भी बचते नजर आए।

रिपोटर – सौरभ गुप्ता

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