बरेली में सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस में हनुमान जी की लगी थी फोटो, इसको हुई लेकर अराजकता,आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के अंदर घुसकर मुर्दाबाद के लगाए नारे,जनता में आक्रोश,पुलिस ने नहीं लिखा मुकदमा,पुलिस की कार्यशैली से प्रशासनिक अधिकारियों में रोष..

बरेली, 14 अगस्त 2025। बरेली में गुरुवार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में स्थापित भगवान हनुमान जी का फोटो को लेकर अचानक माहौल गर्म हो गया। आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के जिला अध्यक्ष मनोज कुमार सागर अपने लगभग 15–20 कार्यकर्ताओं के साथ कार्यालय पहुंचे और मूर्ति हटाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान कार्यालय के बाहर “जिंदाबाद–मुर्दाबाद” के नारे गूंजते रहे और हालात कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गए।


अनुमति से शुरू हुआ विवाद,फोटो पर आकर अटका मामला

जानकारी के मुताबिक, आजाद समाज पार्टी के नेताओं ने 17 अगस्त 2025 को संजय कमेटी हाल में प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति के लिए आवेदन किया था। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 16 अगस्त को जन्माष्टमी, और 18 से 20 अगस्त तक आला हज़रत उर्स का पारंपरिक आयोजन निर्धारित है। इन आयोजनों में आसपास के जिलों और देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में 17 अगस्त को कार्यक्रम की अनुमति देना संभव नहीं है।

प्रशासन ने उन्हें 22 अगस्त या उससे आगे की किसी भी तिथि पर कार्यक्रम आयोजित करने का विकल्प दिया। लेकिन इस दौरान बातचीत का रुख बदल गया और कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में स्थापित हनुमान जी का फोटो पर आपत्ति जताई।



सिटी मजिस्ट्रेट की सफाई

विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा—

“हनुमान जी हमारे आस्था के प्रतीक हैं। यहां बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी की तस्वीरें भी लगी हुई हैं। इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देना उचित नहीं है।”


हंगामा, नारेबाज़ी और पुलिस की मौजूदगी

सफाई सुनने के बाद कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाज़ी शुरू कर दी। कार्यालय परिसर में माहौल गरमा गया। सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम और कोतवाल मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता अपनी मांग पर अड़े रहे।


जनता और संगठनों की नाराज़गी

मामले के तूल पकड़ते ही स्थानीय हिंदूवादी संगठनों ने आजाद समाज पार्टी के इस कदम को “भगवान विरोधी” रवैया बताते हुए सख्त शब्दों में निंदा की। कई संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि मूर्ति को हटाने की कोशिश की गई तो जोरदार विरोध होगा।

सोशल मीडिया पर भी जनता ने अपनी नाराज़गी जाहिर की। बड़ी संख्या में लोगों ने लिखा—

“हनुमान जी की मूर्ति हमारी आस्था का विषय है। इसे हटाने की मांग भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है।”


प्रशासनिक अधिकारियों में रोष

सूत्रों के मुताबिक, हंगामे के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन तत्काल किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इससे कुछ प्रशासनिक अधिकारियों में असंतोष है, क्योंकि उनके अनुसार, कार्यालय में अराजकता फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी।


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