सहसवान! मामला सहसवान कोतवाली का है जहां एक ही हल्के पर काफी लंबे समय से कार्यरत हैं कुछ दरोगा व कांस्टेबल एक ही जगह पर कार्यरत होने की वजह से भ्रष्टाचार में जमकर बढ़ोतरी हो रही है लेकिन हैरान करने वाली बात एक और भी है कि एक ही हलके पर गोकशी का बार बार पकड़ना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है ऐसा लगता है की गोकशी रोकने में पुलिस पूरी तरह नाकाम साबित हो रही कुछ हल्के ऐसे हैं जहां बालू खनन का जमकर बोलबाला है एक ही जगह पर रहने से साफ नजर होता है कि कहीं ना कहीं तो सांठगांठ है ऐसा ही मामला काफी दिनों से चल रहा है की गोकशी में नाम पांच होते हैं और तीन दर्शा दिए जाते हैं साहब इन लोगों के हल्के समय रहते बदल दिए जाएं तो हो सकता है कि भ्रष्टाचार में कुछ सुधार आ जाए वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का साफ कहना है कि एक कोतवाली में कोई भी कांस्टेबल व दरोगा 3 साल से ज्यादा कार्यरत नहीं रह सकता लेकिन सहसवान कोतवाली का तो नजारा ही कुछ और है जहां कुछ कांस्टेबल व दरोगा तीन-तीन सालों से कोतवाली में तैनात हैं!