बरेली, 22 जून। मंडलायुक्त श्री आर. रमेश कुमार ने कहा कि मण्डलीय फैसीलिटेशन काउंसिल का उद्देश्य आपसी सुलह और सहमति से समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने कहा कि मंडल स्तर पर काउंसिल के गठन से निश्चित रूप से विक्रेता और क्रेता, दोनों को ही लाभ होगा।
मंडलायुक्त आज कमिश्नरी सभागार में काउंसिल की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे । बैठक में उपस्थित श्री ऋषि रंजन गोयल, संयुक्त आयुक्त उद्योग द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्व में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम 2006 के अध्याय 5 में एमएसएमई द्वारा विक्रय किये गये उत्पाद/माल या सेवा पर क्रेता से भुगतान हेतु किये गये करार के लिये नियत तारीख के ठीक बाद की तारीख से उस रकम पर रिवर्ज बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा अधिसूचित बैंक ब्याज दर पर मासिक अवशेष के साथ 3 गुना चक्रवर्तीय ब्याज दिये जाने की व्यवस्था की गयी थी। उक्त क्रेता एवं विक्रेता के मध्य इस प्रकार के विवादों को निपटाने के लिये राज्य स्तर पर फैसीलिटेशन काउसिंल का गठन किये जाने का प्राविधान था। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य फैसीलिटेशन काउंसिल का गठन आयुक्त एवं निदेशक उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में किया गया था। फैसीलिटेशन काउंसिल ऐसे मामलों/विवाद के समाधान हेतु मध्यस्थता एवं सुलह कराती है और पक्षकारों के बीच सुलह न होने की स्थिति में आदेश निर्गत करने हेतु अधिकृत है। एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में केवल एक मात्र फैसिलिटेशन काउसिंल कानपुर में कार्यरत होने से एमएसएमई इकाईयों को भुगतान संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं हो पाने के दृष्टिगत एमएसएमई(स्थापन एवं संचालन सरलीकरण) अधिनियम 2020 की धारा 12 के अनुसार मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में फैसीलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है। काउंसिल में संयुक्त आयुक्त उद्योग सदस्य/सचिव, अग्रणी जिला प्रबन्धक, सदस्य एवं अन्य दो सदस्य क्रमशः श्री एस.के.सिंह अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती, श्री दिनेश गोयल, नामित सदस्य आई.आई.ए है।
बैठक में फैसीलिटेशन काउंसिल में केस फाइल करने के संबंध में श्रेणीवार शुल्क निर्धारण पर चर्चा हुई जिसमें रुपए पांच लाख के केस तक 3000 रुपए, 5-10 के केस में 5000 रुपए, 10-50 लाख तक के केस में 10000 रुपए, 50-100 लाख तक के केस में 15000 रुपए, 1 से 5 करोड़ तक के केस में र25000 एवं 5 करोड़ से अधिक के केस में 50000 रुपए शुल्क निर्धारण किया गया। शुल्क जमा करने हेतु मण्डलीय फैसीलिटेशन काउंसिल, बरेली के नाम से खाता खोलने के निर्देश मण्डलायुक्त महोदय द्वारा संयुक्त आयुक्त उद्योग को दिये गये, जिसका संचालन काउंसिल के अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा किया जायेगा। ऑनलाइन तथा ऑफ़लाइन प्राप्त सभी आवेदनों का परीक्षण काउंसिल द्वारा किया जायेगा और प्रपत्र देखे जायेंगे और कमियों के संदर्भ में आवेदक को ई-मेल से सूचित किया जायेगा। कांउसिल में प्राप्त आवेदन पत्रों को सर्वप्रथम क्रेता व विक्रेता को आपसी सुलह से निस्तारण कराने के लिये काउंसिल अनुरोध करेगी। आपसी सुलह न होने की स्थिति में केस काउंसिल में पैरवी हेतु रखे जाने से पूर्व काउंसिल के निर्णयों/कार्यवाहियों में अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप किये जाने हेतु एक विशेषज्ञ चार्टर्ड एकाउन्टेंट को हायर किया जायेगा जो प्राप्त आवेदन का विधिवत् परीक्षण कर काउंसिल में पैरवी हेतु रखेगा।
बैठक में श्री ऋषि रंजन गोयल, संयुक्त आयुक्त उद्योग, श्री एम.एम.प्रसाद, अग्रणी जिला प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा, श्री एस.के.सिंह अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती, श्री दिनेश गोयल, नामित सदस्य आई.आई.ए ने भी अपने विचार व्यक्त किये।