गुरु की शक्ति शिष्य के चिंतन, चरित्र और आचरण को करती है पवित्र
बदायूं : गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर गुरु पूर्णिमा पर्व पर पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। लोककल्याणार्थ एवं पर्यावरण संशोधनार्थ आहुतियां समर्पित कीं। यज्ञोपवीत संस्कार, दीक्षा

संस्कार, पुंसवन संस्कार आदि हुए। भव्य आरती के बाद भोजन प्रसाद वितरण किया गया।
जिला समंवयक नरेंद्र पाल शर्मा और गायत्री शक्तिपीठ के परिव्राजक सचिन देव ने वेदमंत्रोच्चारण कर यज्ञ संपन्न कराया। उन्होंने कहा कि गुरु अपने स्नेह और तप से शिष्य का निर्माण करता है। गुरु से अनुदान-वरदान पाने वाले शिष्य का चिंतन, चरित्र और आचरण उच्च स्तर का वन जाता है।

पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ में आत्मीय परिजनों, दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने लोककल्याणार्थ और पर्यावरण संशोधनार्थ यज्ञ भगवान को गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की विशेष आहुतियां समर्पित की। परिव्राजक बेचे लाल ने युग ऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित

श्रीराम शर्मा आचार्य और वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा और और मां गायत्री पूजन कराया। 10 यज्ञोपवीत संस्कार, 15 दीक्षा संस्कार और 2 पुंसवन संस्कार हुए। मातृ-शक्तियों और देवकन्याओं ने मां गायत्री की भव्य आरती की।

इस मौके पर माया सक्सेना, कालीचरण पटेल, डा.सोहनपाल सुरेन्द्र पाल, भुवनेश शर्मा, ललतेश, अमिता माहेश्वरी, सुजाता माथुर, पंकज रस्तोगी, सीमा गुप्ता, रेखा, राजेश्वरी, अनवीर पाल, डा.ओमपाल, डा.राजेश शाक्य, मोर सिंह, योगेश पाल, नीलम सिंह, ममता शर्मा, वीरेंद्र रस्तोगी, संजीव कुमार आदि मौजूद रहे। सुरेन्द्र नाथ शर्मा ने संचालन किया।
रिपोर्टर निर्दोष कुमार शर्मा






