संभल। यूपी के जनपद सम्भल में ईद-उल-अजहा ,बकरीद,पैगंबर हजरत इब्राहीम व पैंगबर हजरत इस्माइल की कुर्बानी को याद करने के लिए मनाया जाता है,बकरीद पर कुर्बानी करना हर मालिके निसाब ,शरई मालदार,मुसलमान पर वाजिब है,यह कहना है,तंजीम उलामाऐ अहले सुन्नत सम्भल के महासचिव मौलाना फैजान अशरफ का, उन्होंने कहा कि इस बार बकरीद सात जून को मनाई जाएगी, शनिवार को शुरू होने वाला कुर्बानी का सिलसिला तीन दिन तक जारी रहेगा, बकरीद पर कुर्बानी खुले में बिल्कुल ना की जाए और कुर्बानी के बाद अपशिष्टों को इधर-उधर फेंकने के बजाय गड्ढे में दफन करें,
मौलाना फैजान अशरफ ने कहा कि ईद उल-अजहा में मुसलमान तीन दिन अल्लाह की राह में कुर्बानी करते हैं,यह सिलसिला सात, आठ व नौ जून को सूर्यादय से

सूर्यास्त तक जारी रहेगा, उन्होंने कि कुर्बानी में भेड़, बकरा, दुम्बा सिर्फ एक आदमी की तरफ से एक जानवर होना चाहिए और बड़े जानवर में सात लोग शिरकत कर सकते हैं, कुर्बानी के बाद उसके गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है।

शरीयत के अनुसार गोश्त का एक हिस्सा गरीबों में दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों और तीसरा हिस्सा अपने घर वालों के लिए रखने का हुक्म है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी किसी बंद जगह में करें। जानवरों के अपशिष्ट गड्ढे खोद कर जमीन में दफन कर दें और यह भी ख्याल रखें कि खून नालियों में न बहे।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट

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