दुखों को सुख में बदलना है तो अपनी सोच बदलिए
यज्ञ करने से वायुमंडल में बनती है ऑक्सीजन
आर्य समाज द्वारा मधुबन कॉलोनी में हुआ साप्ताहिक यज्ञ

बदायूं l रविवार को आर्य समाज द्वारा मधुबन कॉलोनी मंदिर प्रांगण में सप्ताहिक यज्ञ का आयोजन किया गयाl
जिसमें यजमान द्वारा यज्ञ में आहुति डाली गई वही आर्य समाज के विद्वानों ने सूक्ष्म सत्संग के माध्यम से वहां बैठे सभी महानुभावों से कहा की यज्ञ सभी देवताओं का मुख है इसमें जो कुछ भी डाला जाता है वह सभी देवताओं को मिलता है और वातावरण मैं ऑक्सीजन का लेवल और विषैले जीव जंतुओं का नाश होता है अंत में समापन के मौके पर हरिओम आर्य ने कहा की कोई भी मनुष्य दुख नहीं चाहता है जन्म से लेकर मृत्यु तक वह एक भी कार्य दुख प्राप्ति के लिए नहीं करता है यह भी सच्चाई है की जितने दुख वह भोगता है उसका कारण उसके अपने कर्म होते हैं ,इस जन्म के यहां या पिछले जन्मों के हम दुख प्राप्ति के लिए कर्म नहीं करते , हमें जन्म जन्मांतरो से दुख मिलते जाते हैं इसलिए हमें अपने कर्मों को समझना जरूरी हो जाता है कि कौन से कर्म करें और कौन सा नहीं ,इसकी सूची बनाना असंभव सा कार्य है ,क्योंकि जब अगले 2 घंटे में हम क्या करने वाले है तथा पिछले 4 घंटों में हमने क्या कियाl इसे ही हम सूचीबद्ध नहीं कर सकते तो पूरे जीवन के कर्मों की सूची बनाना कैसे संभव है फिर हम उन कर्मों पर कैसे नियंत्रण करें जो हमें दुखों के चक्रव्यूह में फंसाते हैंl
इस मौके पर विवेक जौहरी, विपिन जौहरी, विजय प्रकाश आर्य ,भूपेंद्र पाल सिंह, डॉक्टर अवधेश, गोपाल शर्मा ,कृष्ण पाल सिंह, धर्मेंद्र कुमार, हरिओम आर्य ,चंद्रभान शर्मा ,अमन, उमंग आर्य आदि लोग मौजूद रहेl