संभल। यूपी के जनपद सम्भल में उन्नीस अप्रैल को लखनऊ के सहकारिता भवन में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी एवं आरटीआई कार्यकर्ता सम्मान समारोह में सूचना के अधकिार की आवाज बनने और इसका परचम लहराने में योगदान के लिए सम्भल जनपद के साद उस्मानी व अमित उठवाल एड0 समेत देशभर के आरटीआई कार्यकर्ताओं को राइट टू इर्न्फाेमेसन सम्मान-2025 से नवाजा गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शासन के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। जबकि सामाजिक कार्यकर्ता एवं सर्तक नागरिक संगठन की प्रमुख अंजली भारद्ाज, मैगसे से पुरूस्कार विजेता संदीप पाण्डेय, लखनऊ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पाण्डेय, सैंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री रजनीकांत दूबे, भाकियू समाज आरटीआई सैल के अध्यक्ष धमेंद्र यादव, भाकियू स्वराज के अध्यक्ष कुलदीप पाण्डेय, उ.प्र. कांग्रेस आरटीआई सैल के चैयरमैन पुष्पेंद्र भारद्ाज के अलावा पूर्व उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त रामकेश्वर सिंह, वीरेन्द्र

सक्सैना, ज्ञानप्रकाश मौर्या व हाफिज उस्मान विशष्टि अतिथि के रूप में उपस्थति हुए। पंजीकृत संस्था सूचना का अधकिार बचाओ अभियान के तत्वाधान में आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता पूर्व जिला जज चन्द्रभूषण पाण्डेय व संचालन वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता देवेश मणि त्रिपाठी ने किया। इस कार्यक्रम में सूचना का अधकिार बचाओ अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष तनवीर अहमद सिददीकी, अशोक कुमार शुक्ला, विष्णु प्रकाश, अतुल किशोर, शवि शंकर अवस्थी, डा. दीपक शुक्ला, शान्तनु शुक्ला आदि अधविक्ताओं के साथ साथ आरटीआई कार्यकर्ता हरिशंकर खंडेलवाल, हरपाल सिंह ने बताया कि हाल ही में संसद द्घारा पारित डेटा प्रोटेक्शन बिल अब कानून का रूप ले चुका है। जिसके जरिये आरटीआई कानून को कमजोर करने की न सिर्फ चेष्टा की जाएगी। बल्कि यह कानून स्वतंत्र एवं निर्भीक पत्रकारिता करने वालों के लिए भी एक खतरे की घंटी है। कार्यक्रम में बिहार के विकलांग आरटीआई कार्यकर्ता रजी हसन, संजय आजाद, सफीर सिददकी व शहजाद सरवर ने भी प्रतिभाग किया है।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट

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