Primary health center and sub-health center established in rural areas of district Sambhal became ruins
आखिर महामारी की स्थिति में कैसे होगा ग्रामवासियों का उपचार।जबकि 60-70 प्रतिशत जनसंख्या आज भी गाँवों में करती है निवास।
देश में फैली जानलेवा कोरोना महामारी , ब्लैक फंगस, ह्वाइट व यलो फंगस आदि महामारियों की आहट के मद्देनज़र जब जनपद सम्भल में चन्दौसी से सटे ग्राम रुस्तम पुर उगियाँ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व आसपास के गाँवों में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत बनाये गए उपस्वास्थ्य केन्द्रों का CNN News network की टीम द्वारा स्थलीय सर्वेक्षण किया गया तो पाया कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर जंग खाए लटके तालों व जीणशीर्ण खण्डहर अवस्था को देख कर तो ऐसा ही लगा कि मानो किसी अनहोनी की अवस्था में हमारे देश के अन्नदाता किसान ,मजदूर ग्राम वासियों को उत्तम उपचार के नाम पर तो सिर्फ और सिर्फ मौत की दावत ही मिल पाएगी।
इस बाबत जब CNN टीम ने जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय से मोबाइल पर वार्ता कर इस सन्दर्भ में पूरे जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक व उप स्वास्थ्य केन्द्रो की सूची व जनकारी हासिल करने की कोशिश की तो CMO महोदय लगातार गुमराह करने की शैली में टालमटोल ही करते नज़र आए । बताते चलें कि हमारे देश में आज भी 60 से 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में ही निवास करती है।
ऐसे में उनके उत्तम स्वास्थ्य सेवा के नाम पर शासन द्वारा करोड़ो रुपयों से बिल्डिंगो को तैयार कर खण्डहर में बदलने से जनता के पैसों में पलीता लगाने के सिवा और कुछ नज़र नही आ रहा है ।
ऐसे में एक सवाल बनता है कि अगर चिकित्सा कर्मी व चिकित्सीय संसाधन ही सुलभ नही है तो स्ट्रक्चर क्यों खडा किया गया और अगर सब कुछ उपलब्ध है तो इतनी अनदेखी क्यों।
संभल से कपिल अग्रवाल और दिलीप सक्सेना के साथ प्रमोद यादव की रिपोर्ट