बदायूँ-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय हिन्दी सेवी पंचायत के तत्वावधान में ग्राम सिलहरी में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया | जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि महेश मित्र ने की ,मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट के ट्रस्टी धनपाल सिंह की उपस्थिति रही |
कवि महेश मित्र ने नारी को समर्पित रचना पढी :
नारी तू अबला बनी रही तो तुझे सताया जायेगा।
इतिहास वही दुष्कृत्यों का फिर-फिर दोहराया जायेगा।।
उस्ताद शायर जनाब सुरेंद्र नाज ने शेर पढ़े:
हम जो बोले तो यह मुमकिन है कि झगड़े हो जायें |
इससे बेहतर है कि कुछ देर को गूँगे हो जायें |
ओज कवि सुनील शर्मा ने छंद पढ़ा :
निज स्वार्थ के लिए जो,दूसरोँ को देते कष्ट, ऐसे नीच अधमों को,दंड का विधान हो |मानवों के भेष मे जो, घूम रहे भेडिये है उनकी क्षमा का नहीं, कोई प्रावधान हो।
ओज कवि षटवदन शंखधार ने पढ़ा :
सूर , तुलसी, कबीरा , बिहारी की है |
यह फकीरी की है ताजदारी की
है |
एक हिन्दी जुबां अपनी है दोस्तों
बाकी हर एक भाषा उधारी की है ||
उझानी से आए डा० गीतम सिंह ने भी काव्य पाठ किया कार्यक्रम का संचालन ओज कवि षटवदन शंखधार ने किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से डाल भगवान सिंह, धनपाल सिंह, सुरेश पाल सिंह, कैप्टन राम सिंह,डॉ सुशील कुमार सिंह राकेश सिंह, अखिलेश सिंह, अभय माहेश्वरी, सतेन्द्र सिंह, नेत्रपाल, राम-लखन, आकाश तोमर, असद अहमद, आर्येन्दर पाल सिंह, महेश चंद्र, अखिलेश सोलंकी,भानु प्रताप सिंह, सुमित कुमार, कृष्ण गोपाल, नीरज,रवि कुमार, जुल्फिकार, उदयभान सिंह, इकरार अली,शाहनबाज कादरी, अमित शर्मा, अमीरुद्दीन, वीरपाल, सुभाष सिंह , हरिओम गुप्ता,
किशनवीर, भुवनेश कुमार, राजवीर, प्रमोद कुमार, रिजवान, पिंकुल कुमार, मुनेश कुमार, राजीव कुमार चौहान, हरिओम यादव, रामकिशोर, अमरीश, धर्मेंद्र, राशिद खां, दीपक वार्ष्णेय, अमीरुद्दीन, अजयपाल, वीरपाल, भगवानदास, सुशील चौहान, विकास कुमार, रामनिवास वर्मा, मनोज कुमार, अरविंद कुमार, विजनेश कुमार, आशाराम शाक्य, जसवंत, रामवीर, रामरतन मिश्रा, सत्यवीर, विपिन कुमार सिंह, लालाराम, नाथुलाल, लालता प्रसाद, संगीता रानी, सुनीता देवी आदि उपस्थित रहे।
अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ राम रतन सिंह पटेल ने सभी का आभार प्रकट किया।