नवादा क्षेत्र में अवैध अस्पतालों की भरमार
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे हैं,कार्रवाई
बदायूं।डीएम के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया था वह अब फेल होता नजर आ रहा है। जिसमें टीम ने अभी तक झोलाछाप डॉक्टरों, निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। शहरी, ग्रामीण क्षेत्र में हजारों की संख्या में निजी अस्पताल झोलाछाप डॉक्टर अपने- अपने अस्पताल धड़ल्ले से संचालन कर रहे है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की मानें तो झोलाछाप के नोडल अधिकारी ने रिपोर्ट अब तक तीन निजी अस्पताल संचालकों पर विधिक कार्रवाई के आदेश किया है। जबकि नियमानुसार मेडिकल एक्ट के अलावा झोलाछाप और निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी की भी कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व में बड़े स्तर पर अभियान तो चला मगर आर्थिक समझौते के चलते कार्रवाई औपचारिक मात्र रही है।
सदर विधायक से मिलकर बीएएमएस डाक्टरों ने झोलाछाप टीम पर अवैध उगाई का आरोप लगाया था जिसकी वजह से सीएमओ ने झोलाछाप टीम को तत्काल प्रभाव हटा दिया था। झोलाछाप की नई टीम गठित होने के बाद भी झोलाछाप डॉक्टरों पर अभियान नहीं चला।जबकि जिलेभर में लगभग एक हजार से ज्यादा अवैध नर्सिंग होम और झोलाछाप क्लीनिक संचालित हो रहे है।
ग्रामीण इलाके के अलावा शहरी क्षेत्र में अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिक की भरमार है।
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झोलाछाप नोडल अधिकारी डॉ.पवन कुमार ने बताया कि शिकायत के आधार पर दातागंज में दो इस्लामनगर में एक निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उसमें मेडिकल एक्ट के अलावा धोखाधड़ी का भी आरोपी बनाया गया है। सवाल उठता है कि जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद भी झोलाछाप डॉक्टरों कार्रवाई नहीं हो रही है।
नवादा क्षेत्र में के अवैध अस्पताल कर रहे मरीजों की जान से खिलवाड़
सूत्रों के मुताबिक लगभग आधा दर्जन निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों का उपचार किए जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे मरीजों की जान को भी खतरा रहता है। यह डॉक्टर बिना किसी मेडिकल डिग्री या प्रमाण पत्र के गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं।सबसे ज्यादा इनकी संख्या खेड़ा नवादा , मीरा सराय में है। कई मरीजों की बीमारी इनके इलाज के बाद गंभीर हो जाती है। ऐसे में कई बार उनकी जान पर भी बन आती है। तो उसे आनन फानन में रेफर कर दिया जाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि प्राइवेट बस के कंडक्टर निजी अस्पताल संचालक बने हुए है और मरीजों का इलाज कर रहे है जिन पर अभी तक स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
रिपोर्टर भगवान दास
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