जिलाधिकारी की अध्यक्षता में निराश्रित गौवंश एवं समस्त प्रकार की गौशालाओं के संबंध में कार्यशाला हुई सम्पन्न

कार्यशाला में गौशाला के उचित प्रबंधन तथा निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने व उनके बेहतर रखरखाव के संबंध में दिये गए आवश्यक निर्देश

 बरेली, 04 फरवरी। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में आज निराश्रित गौवंश एवं समस्त प्रकार की गौशालाओं के उचित संचालन के संबंध में कार्यशाला संजय कम्यूनिटी हाल में सम्पन्न हुई।

कार्यशाला में निर्देश दिए गए कि ठण्ड के दृष्टिगत गौशालाओं में डबल लेयर त्रिपाल, अलाव तथा छोटे गौवंशों को काउ कोट (झूल)आदि कि समुचित मात्रा में उपलब्धता रहे और इसी प्रकार गर्मी के मौसम मे छाया और पीने के पानी की व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कार्यालय में निर्देश दिए गए कि जिन गौशालाओं में लक्ष्य के सापेक्ष गौवंश कम हैं उन गौशालाओं में गोवंशों की संख्या बढ़ाई जाए और समस्त गौशालाओं में हरा चारा, भूसा, चोकर, पीने का पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाये।

गौशालाओं में गाय और नंदियों व उनके बच्चों तथा बीमार गायों को भी बांस बल्ली आदि की मदद से अलग-अलग रखा जाये तथा गौशाला में निरन्तर गौवंशो के भोजन पात्रों (चरनी )पानी पीने के पात्र व गौशाला आदि की साफ-सफाई कराए जाने के निर्देश दिए गए।

कार्यशाला में पशु चिकित्सको को निर्देश दिए गए कि गौवंशों की ईयर टैगिंग, स्वास्थ्य परीक्षण, समय-समय पर पेट में कीड़ों की दवाई व उपचार उपलब्ध कराया जाए। गौशालाओं में विधिवत रिकार्ड, निरीक्षण पंजिका, गौवंश पंजिका, लेखा पंजिका, जिसमें चारे की उपलब्धता आदि के विवरण अंकित रखें तथा स्टाफ पंजिका भी बनाई जाए। जिन गौशालाओं में गायों को रखने हेतु अतिरिक्त शेड बनवाने की पर्याप्त भूमि उपलब्ध है वहां पर अतिशीघ्र अतिरिक्त शेड मनरेगा के द्वारा बनवाये जाये तथा खाली भूमि और चारागाहों में हरा चारा बोया जाने के भी निर्देश दिए गए।

कार्यशाला में पाया गया कि अभी तक जनपद के कुछ विकास खण्डों में टी.बी. मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत पम्पलेट नहीं उपलब्ध कराए गए हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये क्षय रोग अधिकारी को अतिशीघ्र पम्पलेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये गए कि गांव को टी.बी. मुक्त कराने हेतु टी.बी. मरीजों को पोषण पोटली तथा दवाइयां उचित मात्रा में उपलब्ध करायी जाए।
 
कार्यशाला में समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों को दें, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।

कार्यशाला में अवगत कराया कि जनपद में 115 स्थायी/अस्थायी गौशालाएं है, जिनमे 14714 गौवंश है।
समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को गौशाला में एक सप्ताह में दो बार निरीक्षण अवश्य करने तथा निरीक्षण पंजिका में भी अंकन किये जाने के निर्देश दिए गए ।

कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश, जिला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, ईओ, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, गौशाला के संचालक, केयरटेकर, ग्राम सचिव एवं प्रधान सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।