Opinion of children on cancellation of 12th exam
योगी सरकार ने सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ( यूपी बोर्ड ) की 12वीं ( इंटरमीडिएट ) की परीक्षा भी रद्द कर दी है। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने गुरुवार को राज्य सरकार के इस फैसले के बारे में बताया। यूपी बोर्ड 12वीं में इस बार 26,09,501 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। यूपी बोर्ड 10वीं ( हाईस्कूल ) की परीक्षा पहले की रद्द हो चुकी है।
सीएम योगी ने कहा, ‘कोविड महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।
इस बात को लेकर जब हमारी टीम ने विद्यार्थियों से उनके विचार जाने तो सभी के अलग अलग मत नज़र आये कुछ विद्यार्थी परीक्षा रद्द होने के फैसले से सहमत थे और कुछ नही ।
जब उनसे विस्तार में बात की तो उन्होंने बताया कि अगर परीक्षा होती तो उनके पास अच्छा अवसर था कि वो ज्यादा से ज्यादा अंक प्राप्त कर आगे की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर अपने पसंदीदा क्षेत्र में अपना करियर बना सकते थे किन्तु अब तो उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया (औसत अंक)से प्राप्त अंकों से सन्तोष करना होगा ।
यूपी बोर्ड के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि 10वी और 12वी की परीक्षाओं को रद्द किया गया है लेकिन सवाल ये उठता है कि कोरोना महामारी के चलते परीक्षा रद्द करना सरकार का सही फैसला होगा या परिस्थितियों के अनुकूल होने के बाद परीक्षा करा कर विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना क्योकि उनके इस फैसले से लाखों बच्चों का भविष्य निर्धारण होना है ।
मुरादाबाद से कपिल अग्रवाल और गिरीश यादव के साथ सुमित कुमार की रिपोर्ट