सीएनएन न्यूज भारत ब्यूरो महराजगंज :: सिखों के पहले गुरु नानक देव का 555वां प्रकाशोत्सव शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। नौतनवा व लक्ष्मीपुर में सिख समाज के लोगों ने अरदास कर गुरु की जयंती मनाई। गुरु की महिमा का बखान किया। नौतनवा स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में प्रकाशोत्सव पर कीर्तन समागम हुआ। गुरु ग्रंथ साहिब की अगुवाई में पिछले 2 नवंबर से चल रहे अखण्ड लड़ी पाठ की समाप्ति हुई। शबद-कीर्तन दरबार सजा सिख समाज के लोगों ने जयंती को श्रद्धा पूर्वक मनाया। पर्व पर गुरुद्वारा को सुंदर तरीके से सजाया गया। सैकड़ों की संख्या में सिख समुदाय के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं एवं पुरुषों सहित दूर दराज के संगतों ने शामिल होकर गुरु नानक देव के दरबार में श्रद्धापूर्वक मत्था टेका। अमृतसर से आये रागी जत्था भाई शमन दीप सिंह की टीम ने अपने भक्ति गीतों के माध्यम से समा बांध दिया। महिला टोली ने भी सत्संग व गुरबाणी का पाठ कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। अमृतसर से आये कथावाचक भाई गगन दीप सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सिर्फ सिख धर्म के लिए ही नहीं बल्कि हर कौम को मानवता का संदेश दिया। हजूरी रागी जत्था भाई दिगम्बर सिंह एवं गियानी मोहन सिंह ने कहा कि गुरु नानक जी ने संदेश दिया है कि पूरी दुनिया एक नूर से उपजी है। इस दौरान ज्ञानी मोहन सिंह, गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष परमजीत,भाजपा नेता जितेंद्र जायसवाल, गौतम जोशी, सरदार रंजीत सिंह, बलजीत सिंह, सरदार मंजीत सिंह, सतनाम सिंह, मनप्रीत कौर, तेजेन्द्र कौर, गुरूप्रीत कौर, कवलजीत कौर, गुरूबचन सिंह, कुलदीप सिंह, अमरेंद्र सिंह, ननदेश शेरवानी, चरनप्रीत सिंह, बंटी सिंह, सतपाल सिंह, सिमरन कौर, सरदार अजीत सिंह, मनमीत सिंह, लक्की सिंह, सरदार सहेंद्र सिंह, मनजीत कौर, सरदार दलजीत सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। नौतनवा विधायक ऋषि त्रिपाठी ने गुरुद्वारा पहुंच आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान ब्लाक प्रमुख राकेश मद्धेशिया, नगर पालिका अध्यक्ष बृजेश मणि त्रिपाठी ने भी गुरु ग्रंथ साहब के दरबार में मत्था टेक प्रार्थना की।जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल से गुंजमान रहा गुरुद्वारा गुरुद्वारा गुरू सिंह सभा लक्ष्मीपुर के तत्वावधान में प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही पुरुष, महिलाएं व बच्चे गुरुद्वारा जाकर मथाटेक कर प्रार्थना की। निशान साहब की सेवा की गयी। गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर कीर्तन किया गया। गुरुद्वारा को झालर व फूलों से सजाया गया। महिलाओं द्वारा संगीतमयी गुरु की महिमा का बखान किया। गुरु ग्रंथ साहिब के अमृतवाणी से सराबोर रहा। सभी समुदाय के लोगों ने एक पंगत में बैठकर लंगर छका। इस दौरान भारी तादाद में लोग शामिल रहे।