संभल। यूपी के जनपद सम्भल में सालाना उर्स के मौके पर जल्से का आयोजन हुआ। जिसमे उलेमा इकराम ने औलिया अल्लाह की शान ब्यां की और एहलैबत के फज़ाईल ब्यां किए।
क्षेत्र के शेर खां सराय मण्डी मे टीले वाली ज़ियारत पर विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी उर्स मुबारक व जश्ने मदारूल आलामीन जलसे का आयोजन किया गया। रात्रि के समय दरगाह मैदान मे आयोजित जलसे को उलेमा ने खिताब करते हुए कहा कि एहलैबैत से मौहब्बत रखना बेहद ज़रूरी है। मौला-ए-कायनात हज़रत अली की विलायत का यह आलम है की आज औलिया अल्लाह के आस्तानो से फैज़ के दरिया जारी है। यह अली और एहलैबत से मौहब्बत करने वाली वोह हस्तियां जिनके आस्ताने हज़रत शाह मदारूल आलामीन मदार पाक और हज़रत शाह बदरूद्दीन टाले वाली दरगाहों के नाम से आज भी लोगों को फैज़ पहुंचा रहे है। बताते चलें की 608 वें उर्स के मौके पर पहले दिन सबीना, दूसरे दिन जश्ने मदारूल आलामीन यानी जल्सा, तीसरे दिन बड़ी बेरक मेला होता है। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि हज़रत राजदार मियां सज्जादानशीन मकनपुर शरीफ, शजर मियां मकनपुर मदारी, आले मियां मकनपुर मदारी रहे। जबकि मौलाना शफीक उल कादरी मुम्बई एवं हाफिज़ शाहिद मलंग, मौलाना मेराज मियां, मलंक मासूम अली बाबा, वाहिद बाबा मलंग ने सम्बोधन किया तथा अपनी उपास्थित दर्ज कराई। सुबहके समय दरगाह पर चादर पोशी एवं लंगर किया गया। चारो ओर लगे मेले का लोगो ने लुत्फ लिया। इंतेज़ामियां कमेटी के मौहम्मद जावेद उर्फ भूरे, कामरान, मौहम्मद काशिफ खान, चांद खां, मुज़म्मिल, कामरान, रिज़वान खान, शानू मिर्ज़ा, मोहसिन अली, मुशर्रफ, गुड्डू, रियाज़ मदारी, लड्डन मियां आदि रहे।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट