संभल। यूपी के जनपद सम्भल शहर इमाम शाही ईदगाह मौलाना सुलेमान अशरफ हामिदी के देहांत के बाद यूपी के हयात नगर थाना क्षेत्र के सरायतरीन पुलिस चौकी के मोहल्ला नख़ासा में मंगलवार को फ़ैज़ गर्ल्स इंटर कॉलेज में नवनियुक्त शहर इमाम शाही ईदगाह हजरत कारी ग़ाज़ी अशरफ हामिदी का भव्य स्वागत किया गया।

जिसमे शहर संभल व सरायतरीन के उलेमा व बुद्धिजीवियों ने नवनियुक्त इमाम ग़ाज़ी मियाँ को मुबारकबाद पेश की तथा दस्तरबंदी व फूल मालायें पहना कर समर्थन दिया।इसी सम्मान में फ़ैज़ गर्ल्स कॉलेज में आरके सम्मान कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमे वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए।
स्वर्गीय सुलेमान अशरफ के देहांत के उपरांत रिक्त हुई इमाम ए ईदगाह की जगह को उनके सुपुत्र गाज़ी अशरफ उर्फ़ गाज़ी मियाँ को एतिहासिक ईद‌गाह का ईमाम बनाए जाने पर हर्ष व्यक्त किया गया।


मौलाना तौसीफ़ मिस्बाही ने कहा कि स्थानीय उलेमा हजरात और इदारों के जिम्मेदारान के साथ ही हजारों की तादाद में जमा अकीदतमन्दों की मौजूदगी और स्थानीय उलेमा की राय से गाज़ी अशरफ को सम्भल की एतिहासिक ईदगाह का ईमाम बनाकर सम्भल के मुसलमानों में खुशी का माहौल पैदा किया है।
मुफ़्ती महबूब मिस्बाही ने अपने संबोधन में कहा गाज़ी अशरफ़ इमामे ईद‌गाह बनने के लिए पात्र थे। लम्बे अर्से से उनके उनके वालिद मौलाना सुलेमान अशरफ शहर

संभल के मिल्ली व क़ौमी मसाइल को हमेशा ज़िम्मेदारी के साथ अपनी आवाज़ बनकर उठाते रहे। चाहे वह दिल्ली हो या मुंबई या फिर देश में किसी भी हिस्से में हो। मौलाना फाजिल मिस्बाही ने कहा सुलेमान अशरफ के पुत्र को यह ज़िम्मेदारी देकर जो विश्वास जताया गया है सभी को भरोसा है हर मिल्ली मसाईल के साथ पुलिस-प्रशासन के सहयोग से शहर व जनपद में आपसी भाइचारे को बढ़ावा देने में अहम योगदान प्रदान करेंगे।
मौलाना अब्बास अजमली, मौलाना आदिल मिस्बाही प्रधानाचार्य जामिया मिसबाहुल बनात, मौलाना गुलफाम बरकाती, आमिर शुएब मिस्बाही इमाम खदीजा मस्जिद, ताहिर सलामी, मौलाना नातिक, हाफिज रिजवान आदि ने भी अपने विचार रखे।


इस मौके पर उलेमा में मुख्य रूप से मौलाना कामिल मिस्बाही, मुफ्ती महबूब मिस्बाही प्रिंसिपल मदरसा फैजुल उलूम, मौलाना अब्बास अजमली, मौलाना आरिफ मूसापुरी, मौलाना गुलाम नबी फैज़ी, मौलाना आदिल मिस्बाही प्रधानाचार्य जामिया मिसबाहुल बनात, मौलाना आमिर शुएब मिस्बाही इमाम खदीजा मस्जिद, हकीम व मुफ़्ती गुलफाम रज़ा सादी, मौलाना अबरार मिस्बाही प्रिंसिपल जामिया रज़ाए हसनैन, मौलाना हैदर परवाज़ मिस्बाही,मौलाना शौकत मिस्बाही चन्दायन, मौलाना आलमग़ीर मिस्बाही सिकंदपुर, मौलाना फाजिल

मिस्बाही प्रिंसिपल जामिया हिलाल लिल बनात, मौलाना शुएब अमजदी, मौलाना फ़ैज़ान अशरफ़, मौलाना बुरहान अशरफ़, हाफ़िज़ तमीम अशरफ़, मौलाना नातिक सादी इमाम आला हजरत मस्जिद हयातनगर, मौलाना नाज़िम मरकज़ी, मौलाना महबूब नूरी, मौलाना मौलाना आकिल, मौलाना साकिब, मौलाना इम्तियाज़ बरकाती आदि के अलावा अवाम में मुख्य रूप से कलीम अशरफ सलामी, ताहिर सलामी, शारिक जिलानी, हाजी नूर इलाही, हाफिज रिजवान, हाजी शहादत, हाजी मरगूब अहमद, हाजी मुकीम, हाजी शफी, अदनान उमर, उमैर ख़ान, फ़ाईक़ अशरफ़ हमीदी, मिनहाज उल क़ादिर रामपुर,

हाजी हनीफ़ समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे। संचालन मौलाना ज़ैग़म संभली ने किया। अंत में मौलाना ज़ियाउल मुस्तफ़ा ने सलातो सलाम के बाद दुआ करायी गई है।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट