सम्भल में प्रख्यात आलिमेदीन हजरत मौलाना सुलेमान अशरफ हामिदी शाही ईमाम ईदगाह सम्भल के फातेहा ए सोम पर पेश किया गया खिराज ए अकीदत और उनके ज्येष्ठ पुत्र गाज़ी अशरफ हामिदी को चुना गया नया शाही ईमाम ।
यूपी के जनपद सम्भल शहर में ईदगाह के इमाम, प्रतिष्ठित शिक्षाविद और समाज सुधारक, मौलाना सुलेमान अशरफ हामिदी को खो दिया है। उनका निधन होने पर पूरे देश में गहरा शोक है। आज इस मौके पर हज़रत के इसाल ए सवाब के लिए फातेहा ए सोम मोहल्ला कोट गर्बी की मस्जिद अनार वाली में हुआ जिसमे शहर व देहात के अलावा दूर दराज से अकीदत मंद शामिल हुए।
कुरान ए पाक की तिलावत , कलमा ए तय्यब, दुरूद ए पाक, एवं कुरान ए मुकद्दस को अनेक बार पढ़कर ईसाले सवाब किया गया।
इस मौके पर ताजियाती महफ़िल में मौलाना हसीब उर रहमान ने नात शरीफ , मौलाना शहरोज ने मशकबत का नजराना पेश क्या।
इस मौके पर उलेमा ए किराम ने हज़रत कि जिंदगी , आप के कारनामों और शख्शियत पर रोशनी डालते हुए कहा । मौलाना सुलेमान अशरफ हामिदी ने अपनी पूरी जिंदगी इस्लामी तालीम और समाज सुधार के लिए समर्पित कर दी। वह संभल के प्रतिष्ठित इमाम ए ईदगाह और जय्यद आलिम थे, जिनकी तालीम और तकरीरों से हजारों लोग लाभान्वित हुए। उन्होंने लोगों में धार्मिक चेतना जगाने और शिक्षा का प्रचार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
मौलाना सुलेमान अशरफ का जीवन युवाओं और समाज के सभी वर्गों के लिए एक प्रेरणा था,उनकी मेहनत और
उनकी सेवाओं के लिए लोग उन्हें हमेशा याद रखेंगे। उनके निधन से उनके अनुयायियों और संभल के लोगों में गहरा शोक है।
अल्लाह तआला से दुआ है कि वह इमाम साहब को जन्नतुल फिरदौस में आला मकाम अता करे और उनके परिवार को इस मुश्किल घड़ी में सब्र दे।
इस मौके पर काइदे अहलेसुन्नत मौलाना नफीस अखतर अशरफी,सय्यद यजदानी मियां,मुफती महबूब मिसबाही,कारी इरफान लतीफी,मौलाना तौसीफ रजा,मौलाना फाजिल मिसबाही,मौलाना कामिल,मौलाना आलमगीर,मौलाना शहरोज मिसबाही,मौलाना आरिफ अशफाकी,मौलाना जियाउल मुस्तफा,कारी अस्नाद रजा,मुफ्ती अरकान अजहरी,
शाही जामा मस्जिद सम्भल के पूर्व अध्यक्ष चौधरी अशरफ़ अली एडवोकेट ने कौम से खिताब किया।
काईद ए अहले सुन्नत मौलाना नफीस अख्तर अशरफी ने अपने खिताब में जहां मौलाना सुलेमान अशरफ की खिदमात पर रोशनी वाली वहीं उनके फर्जंद हजरत गाजी अशरफ का नाम शाही इमाम ईदगाह के तौर पर पेश करते हुए ऐलान किया कि गाजी अशरफ अपने अब्बा हुजूर के नक्शे कदम पर चलते हुए इंशा अल्लाह एक अच्छे कायद व रहनुमा साबित होंगे ।इतना सुनते ही आवाम में नारा ए तकबीर, नारा ए रिसालत की सदाएं बुलन्द होने लगी। तथा सभी ने अपने हाथ खड़े करके गाजी अशरफ के नाम के प्रस्ताव को अनुमोदित किया। यजदानी मियां के मुबारक हाथों से बड़ी संख्या में मौजूद उलैमा ए किराम मौजूदगी में गाजी अशरफ को शाही ईदगाह संभल का नया इमाम नियुक्त किया गया ।
इस मौके पर मुफ्ती निसार अहमद, मुफ्ती गुलाम मुस्तफा मिस्बाही, मौलाना शाईक उल कादरी,मौलाना मुजतबा हसन,मौलाना नईम अशरफ,मौलाना इजहार अशरफ, क मौलाना फैजान अशरफ हामिदी, कारी बुरहान अशरफ हामिदी,कारी रय्यान,मौलाना अबरार मिस्बाही, मौलाना असलम, मौलाना आलिम, हाफिज इश्तियाक अहमद, मौलाना अब्बास रज़ा ,मौलाना आदिल मिसबाही,मौलाना तालिब मिसबाही,मौलाना शौकत अली मिस्बाही, मौलाना काजिम अशर्फी, हाफिज अफजाल बरकाती ,नजमुल हसन नज़मी बरकाती, शारिक जिलानी, शफीक अशफाकी,इतरत हुसैन बाबर,जमाल अब्बासी,जामा मस्जिद जफर अली एड,काजी मुमताज,सैयद वामिक,हाजी वाहिद,सहित बड़ी संख्या में अकीदत मंद मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मौलाना जैगम बरकाती ने एवं अध्यक्षता मुफ्ती निसार अहमद साहब ने फरमाई। अंत में सलातो सलाम और मुल्क व मिल्लत की भलाई के लिए दुआ की गई हैं।
सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट