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नहीं होते सचिव व पंचायत सहायक के दीदार

बिनावर: ग्रामीणों को तहसील, ब्लॉक व जिला मुख्यालय का चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया था। ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि उनकी समस्याओं का निस्तारण गांव स्तर पर ही हो सकेगा। लेकिन पंचायत भवनों में ताला लगा रहता है। ऐसे में ग्रामीणों

को इसकी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। तीन पंचायत भवनों की जब पड़ताल की गई, तो हकीकत सामने आई। शासन की मंशा है कि गांवों में बनाए गए पंचायत भवनों में ही ग्रामीणों को सभी सुविधाएं व योजनाओं का लाभ मिले, लेकिन हकीकत में मंशा अधूरी रह गई है। पंचायत भवनों से कर्मचारी नदारद रहते हैं, ऐसे में ग्रामीण, तहसील व ब्लॉक के चक्कर काटते हैं। कार्य के नाम पर खानापूर्ति
ब्लाॅक के प्रत्येक ग्राम पंचायत में सचिवालय भवन बने हैं। इन भवनों में 1.75 लाख रुपये के बजट से कंप्यूटर, इन्वर्टर से लेकर सीसीटीवी कैमरे आदि लगवाए गए हैं।

ग्रामीणों के मुताबिक कभी-कभार पंचायत सहायक सचिवालय पहुंचकर खानापूरी करते हैं। सालारपुर ब्लाॅक के ग्राम पंचायत फकीराबाद, दराव नगर, आजमगंज मुड़िया पंचायत भवन के मुख्य गेट सहित कमरों में ताला बंद मिला।
जिसकी शिकायत डीपीआरओ बदायूं यावर अब्बास से की गई है।

रिपोर्टर शिव प्रताप सिंह