जांच खत्म करने के नाम पर 50 रुपए मांगने का आरोप

कुंवर गांव ।सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी कोटेदारों का शोषण कम नहीं हो रहा है इसके बदले कोटेदार राशन कार्ड धारकों को राशन देने में गड़बड़ झाला करते हैं कोटेदार ऑफिस खर्चा बताते हुए कार्ड धारकों को राशन कम देते हैं उनको उनकी शिकायतें होती है जहां अधिकारी भी शिकायत का फायदा उठाते हुए कोटेदारों से मोटी रकम बसूलते है ।ऐसा ही नया मामला सलारपुर ब्लाक क्षेत्र के गांव रसूलपुर का सामने आया है। जहां कोटेदार अजय पाल सिंह ने जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया बीते 21 अक्टूबर को हमारे गांव के खुशीराम ने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था जिसकी सूचना उसे तहसील सदर के पूर्ति निरीक्षक संजीव कुमार ने दी और कहा कि तुम्हारे खिलाफ शिकायत आई है तुम ऑफिस आ जाओ आरोप है जब कोटेदार अजयपाल ऑफिस पहुंचे तो पूर्ति निरीक्षक ने 50 हजार रुपए की मांग की और कहा कि जो भी तुम्हारी शिकायत आई है उसे मैं निपटा दूंगा कोटेदार का कहना है कि इसपर उसने 20 हजार रुपए पूर्ति निरीक्षक को दे दिए आरोप है की शेष बचे ह पैसों के लिए वह लगातार ऑफिस से फोन कर रहे हैं और उस पर पैसों दबाव बना रहे हैं इसी मामले को लेकर 16 अक्टूबर के लिए कोटेदार के पास ऑफिस से फोन आया और कहा कि तुम ऑफिस आ जाओ तो पूर्ति निरीक्षक ने रुपए की मांग की कोटेदार ने रुपए न देने की असमर्थता जताते हुए कहा अभी हमारे पास पैसे नहीं है आगे आपको दे देंगे तभी पूर्ति निरीक्षक आग बबूला हो गए और कोटेदार के साथ गाली गलौज करने लगे ।
पूर्ति निरीक्षक की कारगुज़ारी किसी से छिपी नहीं है ।उनका बाबू के पद से पूर्ति निरीक्षक के पद पर प्रमोशन हुआ है उनको जिले से बाहर तैनाती मिलनी चाहिए थी लेकिन उनको सदर तहसील में ही पूर्ति निरीक्षक के पद पर रखा गया है ।
सूत्रों के मुताबिक जब कोटेदार को पूर्ति निरीक्षक द्वारा आफिस में बुलाया गया तो दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई आफिस अखाड़ा बन बन गया ।किसी तरह से कोटेदार ने आफिस से निकल कर जान बचाई और पूर्ति कार्यलय की छत से आत्महत्या की कोशिश की लेकिन लोगों ने उसको बचा लिया ।

इस संबंध में पूर्ति निरीक्षक संजीव कुमार का कहना कि कोटेदार जांच प्रभावित करने व कार्यवाही से बचने के लिए आरोप लगा रहा है ऐसा कोई मामला नहीं था कोटेदार को खिलाप शिकायत आई थी जिसके उपरांत आरोपपत्र जारी किया गया है ।