संभल। यूपी के जनपद सम्भल के वरिष्ठ अधिवक्ता एवम आरटीआई एक्टिविस्ट डा अमित कुमार उठवाल ने राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है कि सम्भल तहसील के राजस्व ग्राम अमाबती कुतुबपुर की कृषि भूमि

वर्तमान गाटा संख्या 17 क्षेत्रफल 0.345 हैं.जोकि राजस्व अभिलेखों में अमर सिंह पुत्र परमी के नाम अंकित है उक्त भूमि उत्तर प्रदेश सरकार की महत्त्वकाक्षी योजना गंगा एक्सप्रेस वे / औद्योगिक गलियारे के लिए चिन्हित की गई है उत्तर प्रदेश सरकार उक्त भूमि को

कथित काश्तकार अमर सिंह से क्रय करके बड़ी धनराशि उपलब्ध कराएगी तहसील सम्भल के राजस्व विभाग के अधिकारी एवम कर्मचारी सच्चाई जानते हैं कि भूमि सरकार की ही है अमर सिंह का नाम राजस्व अभिलेखों

में विधि विरुद्ध तरीके से दर्ज हो गया है। जानकारी होते हुए भी अनभिज्ञ बीएन कर सरकारी पैसे का बंदरबांट करना चाहते हैं।फसली सन 1393 से 1398 के खतौनी मैं खाता संख्या 192 जोकि श्रेणी 6(1) तालाब के रूप

में दर्ज है ।जिसका कानूनन ना तो श्रेणी परिवर्तन हो सकता है और न ही असंक्रमणीय भूमिधर के रूप में आबंटन ही सकता है तत्कालीन प् परगनाधिकारी महोदय ने दिनांक 12/09/1989 को उक्त भूमि विधि विरुद्ध तरीके से अमर सिंह पुत्र परमी को धारा 122बी

(4) एफ का लाभ देते हुए असंक्रमणिय भूमिधर के रूम मैं आबंटित कर दी तथा लेखपाल, कानूनगो, एवम तहसीलदार से आख्या लेकर दिनाक 16/09/1989 को असक्रमणीय भूमिधर के रूप में आबंटन स्वीकृत कर राजस्व अभिलेखों में अंकित कर दिया जोकि एवम

विधिक त्रुटि एवम उत्तर प्रदेश सरकार को एक बड़ी क्षति थी। तत्पश्चात उक्त को संक्रमणिय भूमिधर घोषित कर दिया। उक्त सारे प्रकरण में राजस्व अधिकारियों एवम कर्मचारी ने सरकार को क्षति पहुंचाई है। उन्होंने पत्र में सरकार एवम अधिकारियों से मांग की कि उक्त

प्रकरण की जांच कराकर संलिप्त अधिकारियों एवम कर्मचारियों के साथ ही लाभार्थी के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए भूमि को काश्तकार के नाम से निरस्त करके पूर्व की भांति श्रेणी 6(1) तालाब के रूप में पुनः दर्ज कर राजस्व अभिलेख दुरुस्त किए जावे।

सम्भल से खलील मलिक कि ख़ास रिपोर्ट