बरेली। नगर निगम द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। इस बार, इन्हीं मुद्दों पर ध्यान देते हुए नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने शुक्रवार को शहर में निर्माणाधीन सीसी सड़कों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने गुणवत्ता की जांच के लिए सड़कों को खुदवाकर देखा और मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी को इन सड़कों की टेस्टिंग कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

निर्माण विभाग व स्वास्थ्य विभाग का किया निरीक्षण..


शुक्रवार को नगर आयुक्त ने स्वास्थ्य और निर्माण विभाग के कामकाज का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि ठेकेदार ने सड़कों के निर्माण में मानक के अनुसार सामग्री का उपयोग नहीं किया है, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, सुरेश शर्मा नगर स्थित जोनल कार्यालय का निरीक्षण किया, जहां सफाई व्यवस्था की भी जांच की गई।


जगह-जगह भ्रमण कर देखी शहर की स्थिति

कल नगर निगम के सामने फैला हुआ कूड़ा

सफाई व्यवस्था की हालत को लेकर भी उन्होंने निरीक्षण किया। जगह-जगह सड़क पर कूड़ा फैला मिला और नालियों में सिल्ट जमा थी। डेयरियों से नालियों में गोबर बहता पाया गया, जिस पर नगर आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। बड़ी बिहार इलाके में राधा ब्यूटी पार्लर से कमल किशोर के मकान तक हो रहे नाली मरम्मत और सीसी सड़क निर्माण कार्य की भी उन्होंने जांच की। यहां भी सड़क खोदकर उसकी गुणवत्ता जांची गई और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए।
निर्माण कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने सख्त लहजे में कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी काम की गुणवत्ता में कमी पाई गई तो संबंधित सहायक अभियंता (AE) और जूनियर इंजीनियर (JE) पर कार्रवाई की जाएगी, साथ ही दोषी फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश की जाएगी।

नगर आयुक्त के लिए कम नहीं है चुनौतियां..

बरेली के 80 हजार परिवार घर-घर कूड़ा उठान की सुविधा से वंचित हैं। हर वार्ड की सड़कों पर गड्ढों की भरमार है। सफाई, स्ट्रीट लाइट से जुड़ी समस्याओं की भी भरमार है। दो साल तक नगर आयुक्त रहीं निधि गुप्ता वत्स इन्हीं समस्याओं से जूझती रहीं, लेकिन पार न पा सकीं। अब नए नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य को भी कार्यभार संभालने के बाद इन्हीं चुनौतियों से जूझना पड़ेगा।

स्वच्छता रैकिंग की बात हो या खराब स्ट्रीट लाइटों का मसला, पार्षद और आम लोग नगर आयुक्त से ही सुधार की उम्मीद करते हैं। शहरवासियों की अपेक्षा है कि उनकी फोन कॉल पर कुछ ही देर में समस्याओं का समाधान हो जाए। शहर की सड़कें गड्ढामुक्त हों। जलनिकासी का बेहतर इंतजाम हो। हर घर से कूड़े का उठान हो।
गृहकर और जलकर की गड़बड़ियां खत्म हों और निगम की बोर्ड बैठकों में बनने वाले प्रस्ताव धरातल पर मूर्त रूप लें। नए नगर आयुक्त इन चुनौतियों पर कितने खरे उतरते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, पार्षद, नए नगर आयुक्त के सामने इन मुद्दों को को जोर शोर से उठाया है