एन0एच0ए0आई0 के पश्चिमी बाईपास/रिंग रोड और एन0एच0-74 (नया एन0एच0-30) बरेली-सितारगंज के चौड़ीकरण में बरती गयी अनियमितता की जॉंच के संबंध में मण्डलायुक्त ने भेजी शासन को रिपोर्ट..

बरेली के डीएम के साथ ही मंडलायुक्त की रिपोर्ट भी शासन को प्राप्त हो चुकी है। इस रिपोर्ट में एसएलएओ, तत्कालीन एसएलएओ के अलावा उनके कार्यालय में ही तैनात रहे दो लेखपाल और एक अमीन को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।

बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले में दो भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलएओ) समेत पांच और कार्मिक शीघ्र ही निलंबित होंगे। मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने कार्रवाई की फाइल आगे बढ़ा दी है। इसके अलावा एसडीएम, तहसीलदार और उनके अधीन कार्यरत कानूनगो व लेखपाल की भूमिका का भी परीक्षण किया जा रहा है।

बरेली-पीलीभीत-सितारगंज (एनएच-74) और बरेली-बदायूं रिंगरोड पर एनएचएआई और राजस्व विभाग के अफसरों की मिलीभगत से यह घपला हुआ था। प्रदेश सरकार ने हाल ही में इसकी जांच स्टेट एसआईटी को दे दी है। इस संबंध में बरेली के डीएम के साथ ही मंडलायुक्त की रिपोर्ट भी शासन को प्राप्त हो चुकी है

इस रिपोर्ट में एसएलएओ, तत्कालीन एसएलएओ के अलावा उनके कार्यालय में ही तैनात रहे दो लेखपाल और एक अमीन को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। इन पांचों को निलंबित करने का निर्णय ले लिया गया है। 

सूत्रों के मुताबिक, भू-उपयोग परिवर्तन का आदेश एसडीएम कोर्ट से किया गया था। इसलिए संबंधित एसडीएम और उनके अधीन काम करने वाले तहसीलदार, कानूनगो व लेखपाल पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस मामले में पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के सात अधिकारी व कर्मचारी अब तक निलंबित किए जा चुके हैं। 

पांच सदस्यीय रिपोर्ट में कई अधिकारी पाए गए दोषी..

शासन के निर्देशों पर एन0एच0ए0आई0 के पश्चिमी बाईपास/रिंग रोड और एन0एच0-74 (नया एन0एच0-30) बरेली-सितारगंज के चौड़ीकरण में बरती गयी अनियमितता की विस्तृत जांच कर मण्डलायुक्त द्वारा सभी दोषियों के नाम का स्पष्ट उल्लेख कर शासन को रिपोर्ट भेज दी गयी है। मण्डलायुक्त द्वारा इस प्रकरण में पाँच सदस्यीय समिति गठित की गयी थी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर मण्डलायुक्त द्वारा अग्रिम कार्यवाही के लिए स्पष्ट आख्या शासन को भेजी गयी है। इस रिपोर्ट के अनुसार प्रकरण में मुख्य रूप से कई लोग दोषी पाए गए –

  परिसम्पत्तियों के अधिक एवं दोषपूर्ण मूल्यांकन के लिए मुख्य रूप से एन0एच0ए0आई0 के तत्कालीन परियोजना निदेशक ए0आर0 चित्रांशी एवं बी0पी0 पाठक,संयुक्त सर्वे रिपोर्ट व संयुक्त मूल्यांकन आख्या हेतु एन0एच0ए0आई0 के साईट इंजीनियर पीयूष जैन व पारस त्यागी एवं एन0एच0ए0आई0 द्वारा नामित एजेन्सी साईं सिस्ट्रा ग्रुप जिला प्रतिनिधि उजैर अख्तर, एस0ए0 इन्फ्रा स्ट्रक्चर कंसलटेंसी लि0 (जिला प्रतिनिधि राजीव कुमार व सुनील कुमार) एवं श्री शिवम सर्वेइंग सिस्टम (साईं सिस्ट्रा ग्रुप द्वारा अनुबन्धित), वैल्यूअर रविन्द्र गंगवार व सुरेश कुमार गर्ग एवं तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल ग्राम उगनपुर- मुकेश कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय लेखपाल ग्राम अमरिया- विनय कुमार एवं दिनेश चन्द्र,क्षेत्रीय लेखपाल ग्राम हुसैन नगर व सरदार नगर-आलोक कुमार,क्षेत्रीय लेखपाल विलहरा माफी एवं मुडलिया गोसू- मुकेश  गंगवार, क्षेत्रीय लेखपाल ग्राम हेतमडांडी- तेजपाल,क्षेत्रीय लेखपाल ग्राम भैसहा- ज्ञानदीप गंगवार तथा सम्बन्धित विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के तत्कालीन भूमि अर्जन अमीन अनुज वर्मा (28.01.2019 से 26.10.2023) दोषी पाये गये हैं।

 इसके अतिरिक्त जांच समिति को सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति, बरेली एवं परियोजना निदेशक एन0एच0ए0आई0 बरेली के कार्यालय द्वारा 3ंए प्रकाशन की सूचना तहसील स्तर पर सूचित करने हेतु कोई पत्राचार किये जाने से संबंधित कोई अभिलेख प्राप्त नहीं हुए, जिसके लिए सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति की पर्यवेक्षणीय शिथिलता तथा उनके कार्यालय की लापरवाही प्रतीत हुई है, पर्यवेक्षणीय शिथिलता के लिए सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्तती सुल्तान अशरफ सिद्दीकी (27.03.2018 से 07.03.2019),मदन कुमार (08.03.2019-23.09.2021) राजीव पाण्डेय (24.9.2021-12.07.2022) तथा आशीष कुमार (13.07.2022 से नवम्बर-2023 तक) बरेली की भूमिका संदिग्ध पायी गयी।

जांच मंे 3ंए के नोटिफिकेशन के बाद भूमि क्रय करने वाले व्यक्तियों को भी चिन्हित किया जा चुका है। जिनके द्वारा उक्त परियोजना में आने वाले गाटा नंबरो का वही भाग बैनामे द्वारा क्रय कर लिया गया जहॉ एन0एच0ए0आई0 का संरेखण किया जाना था। यह आश्चर्यजनक है कि जब किसी को संरेखण में आने वाले गाटों एवं दिशा का ज्ञान न हो तब भी कोई कैसे एकदम वही खसरा विशेष खरीद सकता है, जिसमें से परियोजना में आने वाली भूमि का संरेखण प्रस्तावित होना हो ? तथा उसी संरेखण में निर्माण कर लिया गया हो। क्योंकि प्रस्तावित गाटा संख्याओं की जानकारी आम जनमानस को नहीं होती है। इस बात की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि इन व्यक्तियों को सड़क के एलाइनमेन्ट की सूचना परियोजना से जुडे़ हुए अधिकारियों/कर्मचारियों के स्तर से प्राप्त हुई हो तथा इन सभी व्यक्तियों ने समान उद्देश्यों से हितबद्ध होकर संगठित रूप से योजना बनाकर व्यक्तिगत वित्तीय लाभ के लिए शासकीय धन की क्षति कारित की है, जिसकी विशेषज्ञ एजेन्सी से सघन जॉच किए जाने की आवश्यकता है।

जांच समिति द्वारा यह भी पाया गया कि बाहर से आये 19 व्यक्तिों द्वारा व उनके परिजनों द्वारा 3ए के नोटिफिकेशन के तत्काल बाद ही भूमि खरीद ली गयी। यह भूमि स्थानीय लोगों गुमराह करके स्थानीय दलालों के दवाब में आकर विक्रय की गयी, जिस पर धारा 80 की घोषणा करायी गयी तथा इन पर कमजोर संरचना भी बनाई गयी। बाहर से आये लोग अधिक प्रतिकर पाने की मंशा से संगठित होकर योजनाबद्ध तरीके से शासकीय धन की क्षति कारित करने की उद्देश्य से आये थे। इनमें से कुछ लोगांें द्वारा एक से अधिक गांवों/जनपदों जहां एन0एच0ए0आई0 की परियोजना प्रस्तावित थी भूिम क्रय की गयी।

बाहर से आये सम्भावित पेशेवर क्रेयता निम्नवत् हैः

धर्मवीर मित्तल, नि0 तहसील बिलासपुर, जनपद रामपुर

2.सुनील नोसरिया, नि0 आनन्द विहार, शकरपुर बारामद, पूर्वी दिल्ली,

3. राजेश कुमार, नि0 उधमसिंह नगर

4. राम किशोर, नि0 उधमसिंह नगर

5. रमन फुटेला, नि0 उधमसिंह नगर

6. मनीषा सिंघल, नि0 उधमसिंह नगर

7. अंकुर पपनेजा, नि0 उधमसिंह नगर

8. साधना सिंह, नि0 सेक्टर ई-अलीगंज

9. हिमांशु कुमार, नि0 सेक्टर ई- अलीगंज

10. मनीष सिंघल, नि0 सेक्टर 137 नोएडा

11. बवीता रानी, नि0 उधमसिंह नगर

12. सीमा रानी, नि0 उधमसिंह नगर

13. नवीन खेड़ा, नि0उधमसिंह नगर ,

14. राजकुमारी, नि0 उधमसिंह नगर , 1

5. कमलजीत कौर, नि0 पलिया, लखीमपुर खीरी,

16 उमा गंगवार, नि0 उद्यमसिंह नगर,

17. पीयूष टण्डन, नि0 उद्यमसिंह नगर

18. रमेश्वर दयाल, नि0 सिद्धार्थ नगर, बरेली,

19. राजन प्रसाद बसंल, नि0 उधमसिंह नगर आदि ऐसे नाम है जिनके द्वारा परियोजना में आने वाले गाटों का वही भाग बैनामों में क्रय कर लिया गया जहां एन0एच0 का संरेखण किया जाना था