सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति का हुआ असर..
जिलाधिकारी के आदेशों के क्रम में करायी गयी जांच में दोषी पायी गयीं आशा कार्यकत्री व स्टाफ नर्स पर एफ0आई0आर0 दर्ज कर हुई गिरफ्तारी..
बरेली, 21 सितम्बर। सरकार की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति का असर आज जनपद में देखने को मिला, जब जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार के आदेशों के क्रम में करायी गयी जांच में दोषी पायी गयी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज में नियुक्त आशा कार्यकर्ती रीतू व स्टाफ नर्स निहारिका यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत एफ0आई0आर0 दर्ज कर गिरफ्तारी की गयी हैँ..
आपको बता दे कि विगत 16 सितम्बर को निरंजन यदुवंशी (जिला पंचायत सदस्य) निवासी ग्राम नथपुरा थाना मीरगंज द्वारा सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर एक वीडियो एवं एक प्रार्थना पत्र ट्वीट किया गया, जिसमें अंकित था कि 15 सितम्बर 2024 को उमेश पुत्र हरीश निवासी ग्राम नथपुरा थाना मीरगंज ने अपनी पत्नी अनीता को डिलीवरी कराने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज में भर्ती कराया, जहां ऑपरेशन से अनीता ने पुत्री को जन्म दिया। उमेश द्वारा आरोप लगाया गया कि उसकी पत्नी का ऑपरेशन करवाने के बदले चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज द्वारा 10,000 रूपये की मांग की गयी, प्रार्थी के घर वाले ज्यादा गिड़गिडाने लगे तो चिकित्सा अधीक्षक ने 5,000 रूपये कर दिए और प्रार्थी से जबरन 5,000 रूपये ले लिए थे
उक्त घटना के संज्ञान में आने पर उपजिलाधिकारी मीरगंज तृप्ति गुप्ता द्वारा मौके पर पहुंचकर वार्ता कर चिकित्सा अधीक्षक सीएचसी मीरगंज को मौके पर बुलाकर उमेश को 5,000 रुपये वापस दिलाए गए।
इस पुरे घटना को गंभीरता को देखते हुए के उमेश के शिकायती प्रार्थना पत्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली ने डॉ0 लईक अहमद अंसारी व डॉ0 पवन कपाही, उप मुख्य चिकित्साधिकारी की संयुक्त जांच टीम गठित की जांच टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट 20 सितम्बर 2024 को प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि आशा कार्यकर्ती रीतू पत्नी प्रदीप निवासी ग्राम नथपुरा मीरगंज, बरेली द्वारा शिकायतकर्ता से अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करते हुये रूपये 5000 की रिश्वत लेने व स्टाफ नर्स निहारिका यादव की मिलीभगत व संलिप्तता पायी गयी। इस प्रकार दोनों ने एक राय होकर भ्रष्टाचार किया है।