उघैती । (बदायूँ) थाना क्षेत्र के खितौरा के प्राचीन देवी मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का विश्व शांति एवं सर्वकल्याण की कामना से समापन हुआ। कथा के समापन पर हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इस दौरान बृन्दावन से पधारे कथा व्यास आचार्य श्री कृष्णानंद आचार्य ने व्यासपीठ से कहा कि आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है।यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मन वांछित फल प्रदान करते हैं। बाल व्यास हरितोष ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथा के समापन पर यजमान राजू सिंह,प्रदीप सिंह, नरेंद्र भारद्वाज, इंद्रभान सिंह,वीरेंद्र पूरी एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने व्यासपीठ पर आरती की। कथा समापन पर भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर सुरेंद्र कुमार भारद्वाज,अंकुश सिंह,नितिन प्रताप,नत्थूलाल भारद्वाज, अरुण कुमार भारद्वाज ,अरुण कुमार अन्नी,सन्तोष कुमार,केन्द्रपाल सोलंकी, कैलास पूरी,बंटू गुप्ता, संजय शर्मा ,अमन पाठक,हरिओम शर्मा, तेजेन्द्र सोलंकी,उज्जवल ठाकुर,रानू सिंह ,जितेंद्र शर्मा सहित आदि लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर अकरम मलिक