आपसी समझौते के आधार पर किया 127 पारिवारिक विवादों का निस्तारण

मोटर दुर्घटना प्रतिकर मामलों में पीड़ितों को दिलाई रुपए 3 करोड़ 61 हजार की धनराशि

बदायूं।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शनिवार को जनपद में समय पूर्वान्ह 10:00 बजे से राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पंकज कुमार अग्रवाल द्वारा जनपद के दीवानी न्यायालय परिसर में स्थित केन्द्रीय सभागार में किया गया। जिसमें शप्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय तथा अन्य समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, समस्त बैंक के अधिकारीगण, जिला बार एसोशिएसन के अध्यक्ष, योगेन्द्र पाल सिंह व सचिव संदीप मिश्रा एवं समस्त न्यायिक कर्मचारीगण, पराविधिक स्वयंसेवकगण आदि उपस्थित रहे। इसके उपरान्त भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय सहायक महाप्रबन्धक अशोक कुमार सिंह द्वारा जनपद न्यायाधीश को एवं भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा प्रबन्धक पी.पी.सिन्हा द्वारा प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय व अन्य अधिकारीगण को सम्मान स्वरूप पौधे भेंट किये गये।
शिव कुमारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा कार्यक्रम का संचालन करते हुये सर्वप्रथम मित्र पाल, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, बदायूं को आमन्त्रण आग्रह किया गया। मित्र पाल द्वारा अपने वक्तव्य में लोक अदालत के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि यह एक ऐसा अवसर होता है जहां पर गरीब से गरीब व्यक्ति आपसी समझौते के आधार पर सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त कर सकता है। इसके उपरान्त संदीप मिश्रा, सचिव जिला बार एसोशिएशन योगेन्द्र पाल सिंह, अध्यक्ष जिला बार एसोशिएशन, द्वारा कहा गया कि बार एसोशिएशन द्वारा हमेशा लोक अदालत का सहयोग किया गया है और यह सहयोग हमेशा मिलता रहेगा।
उक्तानुक्रम में सुयश प्रकाश श्रीवास्तव, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बदायूं द्वारा अपने वक्तव्य में लोक अदालत के माध्यम से आपसी समझौते के आधार पर विवादों को अधिकाधिक निस्तारण कराये जाने हेतु सभी न्यायिक अधिकारीगणों से राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने-अपने न्यायालय के माध्यम से अधिक से अधिक वादों का निस्तारण करने हेतु प्रोत्साहित किया।
पंकज कुमार अग्रवाल, जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा इस अवसर पर विचार व्यक्त किया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को राष्ट्रीय लोक कल्याणकारी दिवस के रूप में आयोजित किया जाना चाहिए एवं समस्त न्यायिक अधिकारीगणों व बैंक अधिकारीगणों को अधिक से अधिक वादों के निस्तारण के लिए अग्रिम बधाई दी। इसी क्रम में दिव्यांगजन विभाग के अधिकारियों के सौजन्य पंकज कुमार अग्रवाल, जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा के द्वारा दिव्यांगजनों को 03 श्रवणयंत्र का वितरण किया गया।

पंकज कुमार अग्रवाल जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक पर्व है जहां पर पक्षकार अपने-अपने हितों के अनुरूप आपसी रामझौते के आधार पर सस्ता एवं सुलभ न्याय प्राप्त कर सकते है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा बैंक अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों को धन्यवाद करते हुये कहा कि आम-जन अपने बैंक विवादों को आपसी समझीते के आधार पर निस्तारित करा सकते हैं। इसी क्रम में दिव्यांगजन विभाग के अधिकारीगण को धन्यवाद कहा कि उनके द्वारा श्रवणयंत्र वितरित किये जाने से राष्ट्रीय लोक अदालत का यह पर्व राष्ट्रीय लोक कल्याणकारी दिवस के रूप में भी आयोजित हो रहा है।
शिव कुमारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के विषय में जानकारी देते हुये बताया कि आम-जन न्यायालय में लम्बित विवादों जैसे आपराधिक शमनीय वाद, एन०आई० एक्ट-अन्तर्गत धारा 138 मोटर दुर्घटना सम्बन्धित वाद, वैवाहिक / पारिवारिक विवाद श्रम सम्बन्धी वाद, भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी याद किरायेदारी, ट्रेफिक चालान, राजस्व बाद, विद्युत बिल आदि विवादों का निस्तारण इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से करवा सकते है। इसी क्रम में उनके द्वारा सभी को राष्ट्रीय लोक अदालत सफल बनाये जाने हेतु अपना-अपना सहयोग दिये जाने की अपील की गयी।
राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, एवं अपर प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, बदायूं द्वारा अपने न्यायालयों में आपसी समझौते के आधार पर कुल 127 पारिवारिक विवादों का निस्तारण किया गया।
श्रीमती मचला अग्रवाल, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण बदायू द्वारा कुल 45 मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाओं का निस्तारण कर अंकन 3,00,61,000/-रुपये की धनराशि पीड़ितों को बतौर क्षतिपूर्ति दिलायी गयी।
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन से सम्बन्धित वादों में विभिन्न बैंकों के 1107 मामले, भारत संचार निगम लि० के 07 राजस्व सम्बन्धित 339 मामले, 1077 स्थानीय निकाय के मामले एवं अन्य प्रकार के 36890 मामले थे। इस प्रकार कुल 35439 प्री-लिटिगेशन मामलों का एवं न्यायालयों में लम्बित फौजदारी एवं सिविल वादों में 5975 वादों का निस्तारण हुआ।
इस प्रकार उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 41864 वादों का निस्तारण हुआ।
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायालय के समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, जिला सिविल बार एसोशिएशन एवं जिला बार एसोशिएशन के विद्वान अधिवक्तागण, सभी सम्बन्धित बैंक के अधिकारीगण, कर्मचारीगण, स्वयंसेवीगण, उपस्थित हुये।