रोगी नहीं होने देता यज्ञ-हवन : डा विनय
बदायूँ। आर्य समाज गुधनी के संस्थापक वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप के द्वारा जनपद भर में कोरोना मुक्ति यज्ञ किया जा रहा है। 101 यज्ञ का संकल्प लेकर आज 23 वें दिन आचार्य संजीव रूप में जेल अधिकारियों के साथ यज्ञ किया। जेल मंदिर प्रांगण मे जेल अधीक्षक डॉ विनय कुमार तथा जेलर आदित्य कुमार सपत्नीक यजमान बने। साथ ही डिप्टी जेलर केपी चंदेला तथा डिप्टी जेलर अवनीश सिंह भी यजमान बने।
विशुद्ध औषधियों से आचार्य संजीव रूप ने यज्ञ कराया और कहा कि आधुनिक चिकित्सक हमारी अग्निहोत्र चिकित्सा को पिछला बताते हैं जबकि सच यह है कि अग्निहोत्र चिकित्सा ही अगड़ी है, प्रथम है, और सर्वश्रेष्ठ है। रोगी को तत्काल लाभ देने वाली यदि कोई चिकित्सा पद्धति है तो वह अग्निहोत्र यज्ञ चिकित्सा है यह केवल कर्मकांड नहीं है यह विज्ञान है । जेल अधीक्षक डॉ विनय कुमार ने कहा *हिंदू समाज में बच्चे का जन्म हो या विवाह अंतिम संस्कार भी यज्ञ ही से किया जाता है । यज्ञ स्वर्ग का, सुख का ,आरोग्यता का मूल है। पर्यावरण की शुद्धि का सर्वोत्तम साधन है। जेलर आदित्य कुमार ने कहा ” यदि आग में मिर्च या चमड़ा जलाया जाए तो आसपास के लोगों को परेशानी हो जाती है इसी से समझ आ जाता है कि अग्नि में यदि गाय का घी या औषधियां या बलवर्धक चीजें डाली जाए तो वह जलकर के दूर देश तक जाकर सबको प्राप्त होते हैं। इसके बाद गुधनी व बेहटा गुसाईं में भी यज्ञ हुए। आज 46 यज्ञ पूरे हो गए