फर्जी सीएमओ बनकर और सीओ की आईडी बनाकर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा दो गिरफ्तार
बरेली। सीओ कार्यालय की फर्जी आईडी बनाकर और फर्जी सीएमओ बनकर ठगी करने वाले गैंग के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जबकि उनके दो साथी फरार हो गए गिरफ्तार किए गए गैंग के सदस्यों के पास से फर्जी सिम कार्ड व मोबाइल फोन बरामद किया गया..
इज्जत नगर थाना क्षेत्र के कंजादासपुर स्थित आलोक नगर निवासी सुरजीत पुत्र पूरनलाल और करमपुर चौधरी निवासी मिसिरयार पुत्र मनु खा को पुलिस ने सीओ कार्यालय की फर्जी आईडी बनाकर लोगों को जेल भेजने की धमकी देने और ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जबकि गैंग के दो सदस्य कंजापुर दास निवासी राजकुमार और सोमपाल फरार हो गए पुलिस के अनुसार गैंग के सदस्य लोगों को कार्यालय की फर्जी आईडी बनाकर उसके माध्यम से जेल भेजने की धमकी देते थे और मोटी रकम ठगते थे उनके विरुद्ध 25 अगस्त को मुंशी नगर के ग्रेटर नोएडा में रहने वाले राजेंद्र कुमार सक्सेना पुत्र आरसी सक्सेना ने थाने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि आरोपी उसके बेटे की हत्या के सबूत होने और जेल भिजवाने की धमकी देकर रकम की मांग कर रहे हैं तब एसएसपी के निर्देश पर एसओजी और सर्विलांस टीम को मामले का खुलासा करने के लिए लगाया गया और कई दिनों के बाद टीम ने गैंग के सदस्य सुरजीत व मिसिरयार को गिरफ्तार कर लिया उनके पास से फर्जी आईडी का सिम और मोबाइल फोन बरामद किया उन्हें जेल भेज कर पुलिस ने फरार अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की कोशिश शुरू कर दी।
दो लाख बीस हजार रूपये राजेन्द्र से वसूल चुका है फर्जी CMO..
पूछताछ में बताया अभियुक्त सुरजीत व मिसिरयार उपरोक्त द्वारा बताया गया कि दिनांक 20.11.2023 को जब राजेन्द्र सक्सेना के बेटे अभिषेक की इलाज के दौरान मृत्यु हो जाने पर अपनी तसल्ली के लिये मोहल्ले के डॉक्टर सोमपाल से अपने मृत बेटे का परीक्षण कराया था । तभी मैंने, डॉ सोमपाल उसकी पत्नी राजकुमारी व मिसिरयार ने राजेन्द्र सक्सेना को अपना शिकार चुन लिया था । इसके कुछ दिन के उपरांत डॉ0 सोमपाल ने राजेन्द्र के दूसरे बेटे मयंक से यह कहकर डराना शुरू कर दिया कि किसी पडोसी ने इस बात की एफआईआर कर दी है कि आप लोगों ने ही उसे जहर देकर मारा है, अभी मामला मेरे हाथ में है सीएमओ साहब मेरे क्लीनिक पर आने वाले है, आप क्लीनिक पर आ जाओ । डा0 सोमपाल ने काफी डरा दिया, जिस पर राजेन्द्र सक्सेना का बेटा मंयक डा0 सोमपाल के क्लीनिक पर आया, वहाँ मैं सीएमओ के रूप में व सोमपाल की पत्नी सीएमओ की पत्नी के रूप में मयंक से मिले और कहा कि सब जांच हमारे हाथ में है, मुकदमा हम ही लिखवायेगें जेल जाने से बचना है तो तीन लाख देने होगें। इस प्रकार एक लाख रुपये नेट बैंकिग के जरिये सोमपाल के खाते में तथा 20000 रुपये नकद भी निकलवा लिये तथा एक लाख रूपये घर से मंगाकर वसूल लिये तथा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर दे दिया । दिनांक 23/08/24 को पुनः मैंने मिसिरयार द्वारा दी गयी फर्जी सिम के माध्यम से और पैसे वसूलने की नियत से मयंक को फोन कर डराया कि तुमने जिस डॉ0 सोमपाल को अपने बेटे की हत्या की बात छुपाने के लिए पैसे दिये है, वह जेल चला गया है और उसने अपने बयान में तुम लोगों के बारे में सब बातें बता दी है । अब तुम लोग हत्या के मामलें में जेल जाओगें यदि समय रहते तुम लोग कुछ पैसो का इन्तजाम करो तो मैं सीओ साहब से बात कर तुम लोगों को बचाने का प्रयास करूंगा, नहीं तो तुम लोगों को तुम्हारी लोकेशन निकलवाकर जेल भेज दिये जाओगे, लेकिन इस बार राजेन्द्र सक्सेना को शक होने पर उसने पुलिस में शिकायत कर दी और हम लोग पकड़े गये, हम लोग अब तक दो लाख बीस हजार रूपये राजेन्द्र से वसूल चुके है जो हम लौटाने को तैयार है।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार शर्मा ,एसओजी प्रभारी सुनील कुमार शर्मा जनपद बरेली टीम , उनि नवीन कुमार, उनि सुभाष कुमार, उनि वेद सिंह ,कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रीतम कांस्टेबल सुमित सैनी।