बताया जा रहा है कि तीनों आरोपियों को जब पकड़ा गया तो उनके पास से करीब साढ़े तीन सौ ग्राम स्मैक मिली थी। थाने तक ये स्मैक आने की भी चर्चा है पर ये कहां गई, इस बारे में पुलिस के पास भी कोई ठोस जानकारी नहीं है। अब अधिकारी विवेचना के साथ इसकी भी जांच की बात कह रहे हैं।

रिजवान, नीरज, एहसान, सौरभ कुमार और कृष्ण कुमार को किया एसएसपी ने निलंबित,दारोगा जावेद अली और सिपाही अतुल वर्मा को किया लाइन हाजिर।

बरेली : स्मैक तस्करी के संदिग्धों को छोड़ने के बदले सात लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोपित इंस्पेक्टर रामसेवक के मददगार पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर गई। शुक्रवार देर रात एसएसपी अनुराग आर्य ने फरीदपुर थाने के सिपाही (मुख्य आरक्षी) रिजवान, नीरज, एहसान, सौरभ कुमार और कृष्ण कुमार को किया एसएसपी ने निलंबित,दारोगा जावेद अली और सिपाही अतुल वर्मा को किया लाइन हाजिर।

Co की जांच में पाए गए थे दोषी

एसएसपी ने बताया कि इन सभी की कार्यप्रणाली एवं आचरण संदिग्ध पाया गया। सीओ विभागीय जांच करेंगे। इंस्पेक्टर प्रभारी रामसेवक ने बुधवार रात आलम, नियाज अहमद, असनूर को स्मैक तस्करी के शक में पकड़ा था। गुरुवार सुबह को सीओ गौरव सिंह को पता चला कि आलम व नियाज को सात लाख रुपये लेकर छोड़ा गया है। उन्होंने इस संबंध में इंस्पेक्टर रामसेवक से पूछताछ की तो वह बहाने से थाने से भाग गया।

इसके बाद इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी ली तो गद्दे के नीचे सात लाख रुपये बरामद हुए। एक सूटकेस से भी 2.96 लाख रुपये मिले। बरामद कुल 9.96 लाख रुपये को रिश्वत का धन मानते हुए सीओ ने इंस्पेक्टर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी लिखवाई। आरोपित को निलंबित कर तलाश में टीमें लगा दी गईं।

थाने के समानांतर इंस्पेक्टर चलाता था अपना एक अलग थाना..

बरेली के फरीदपुर थाने का इंस्पेक्टर रामसेवक हर प्रार्थना पत्र पर सिपाहियों से वसूली करा रहा था। थाने के समानांतर इंस्पेक्टर अपना एक अलग थाना चलाता था। खनन, नशा, जुआ-सट्टा सब में इंस्पेक्टर का हिस्सा तय होता था। स्मैक तस्करों को छोड़ने के एवज में ली गई सात लाख रुपये रिश्वत से इंस्पेक्टर के काले कारनामे सामने आए। थाने के आवास में इंस्पेक्टर जिस बिस्तर पर सो रहा था, वहीं रिश्वत के सात लाख रुपये रखे मिले।
एसपी दक्षिणी मानुष पारीक कार्रवाई करने पहुंचे तो वह सीयूजी मोबाइल फोन समेत फरार हो गया। इंस्पेक्टर रामसेवक के खिलाफ आई शिकायत पर कार्रवाई करने जब एसपी और सीओ पहुंचे तो रामसेवक को भनक लग चुकी थी कि कुछ गड़बड़ है। वह आवास की कुंडी लगाकर फरार हो गया।
भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने से पहले एसपी दक्षिणी की मौजूदगी में सीओ ने इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी कराई। वीडियोग्राफी के बीच तलाशी में तख्त पर बिछे गद्दे के नीचे गुलाबी पॉलिथीन में पांच-पांच सौ के नोटों की गड्डियां बरामद हुई। कुल सात लाख रुपये मिले। एक स्लेटी रंग के ब्रीफकेस में भी 2,84,900 रुपये बरामद हुए। इंस्पेक्टर के आवास में बने कमरों पर सील लगा दी। इसकी चाबी हेड मोहर्रिर राम बहादुर की सुपुर्दगी में दी गई है।

वसूली के लिए रख रखे थे कुछ खास पुलिसकर्मी..


स्मैक तस्करों से वसूली की बड़ी कमाई के लिए खास स्टाफ को इंस्पेक्टर रामसेवक ने अलग से जिम्मेदारी दी गई थी। थाने में दिनभर दलालों का जमावाड़ा लगा रहता है। सिपाही थाने में ही पंचायत लगाकर आरोपियों से वसूली कर पीड़ित को धमकाकर फैसला कराते थे। थाने में आने वाले हर प्रार्थनापत्र की जांच बीट सिपाहियों से कराई जाती थी। इससे हल्का दरोगा भी इंस्पेक्टर से नाराज रहते थे।

एसएसपी कर रहे हैं लगातार बड़ी कार्रवाई फिर भी नहीं सुधर रही है बरेली पुलिस, गैर हाजिर 10 पुलिस कर्मियों को कर चुके हैं सस्पेंड..

उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस कर्मियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है उसके बाद भी पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. लंबे समय से ड्यूटी पर गैर हाजिर चल रहे पुलिसकर्मियों पर एसएसपी ने पिछले महीने बड़ी कार्रवाई की थी . ऐसे दस पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था . ये सभी पुलिसकर्मी ड्यूटी पर गैर हाजिर चल रहे थे. निलंबन की कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था..

बेहतर पुलिसिंग के लिए कई चौकी इंचार्ज को किया इधर से उधर..

। थाना कोतवाली के चौकी इंचार्ज बेलगाम हो गए थे । कुतुबखाना, बिहारीपुर चौकी इंचार्ज पर एसएसपी ने कार्रवाई की ही थी कि चौकी चौराहा चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार कटियार की कुंडली भी एसएसपी के पास पहुंच गई। पता चला कि वह भी जमीन संबंधी विवेचनाओं में खेल में जुटे थे ।

गोपनीय जांच में पुष्टि पर एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया था जिससे पुलिसकर्मियों में खलबली मची थी उनके साथ कुल 23 दारोगाओं के कार्यक्षेत्र में भी एसएसपी ने फेरबदल किया गया था । लाइन से बड़े पैमाने पर दारोगाओं को मौका दिया गया था ।