लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी करने के कारण जेल जाने वाले आरोपी बसपा के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को जमानत दे दी।जज ने दोनों आरोपित नेताओं को 20-20 हज़ार रूपए का निजी बंधपत्र दाखिल करने तथा दोनों को इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दी।मामले की शुरूआत जुलाई 2016 में हुई जब भाजपा के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह के बसपा अध्यक्ष मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने से विवाद हो गया था।बसपा कार्यकर्ताओं ने जमकर इसका विरोध प्रदर्शन किया था। इसी विरोध प्रदर्शन के चलते पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर की अगुवाई में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहे पर किए गए प्रदर्शन में तेतरा देवी की नाबालिग पोती तथा परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में अशोभनीय टिप्पणीयां की थी और अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।इसके बाद दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने 22 जुलाई 2016 को हजरतगंज कोतवाली में नसीमुद्दीन, राम अचल राजभर और मेवालाल के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी।एमपी-एमलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को भगोड़ा घोषित करके उनकी सारी चल-अचल संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था जिसके बाद 19 जनवरी को नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर ने कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया था, जहां कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने के निर्देश दिए थे।