On the arrival of the Chief Minister on socialist soil, the palace of Netaji’s dream became germ free.

आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समाजवादी धरती पर जब अपना सुबह हेलीकॉप्टर उतारा तो उनके स्वागत में नेता जी के सपने रूपी महल को सैफई विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी खड़े होकर रगड़ रगड़ कर सफाई करवाने में रात दिन जुटे पड़े रहे,झाड़ू ऐसे अधिकारी अपने सामने लगवा रहे थे जैसे लगा मानो इंटरलॉकिंग में जमी धूल बाहर निकल कर 15 साल से खड़े महल को संगेमरमर में कही तब्दील ना कर दिया हो,मुख्यमंत्री के सैफई विश्वविद्यालय के दौरे के कार्यक्रम में पहुचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो प्रशासन की नींद उड़ गई,शहर से सारे प्रशासनिक अधिकारी सैफई की और अपनी गाड़ियों से दौड़ पड़े जिनके शायद अभी तक सैफई में कदम भी ना पड़े थे,नगरपालिका इटावा, भरथना, जसवंतनगर के ईओ ,जब झाड़ू लगी तो लगा कि साथ ही आज विश्वविद्यालय की सड़कों पर भ्रस्टाचारी तंत्र के पड़े कदमो की धूल का एक एक कण साफ जिलाधिकारी,एसएसपी,सीडीओ,एसडीएम,आईजी कानपुर रेंज स्वागत में जुटे,सालो बाद मरीज ओर तीमारदार कीटाणु मुक्त कर रहे है महसूस वर्ष 2005 में नेता जी ने अपने और लोहिया जी के सपनो को साकार करने के लिये जब अपने गाँव मे आस पास के 10 जिलों के मरीजो के स्वास्थ्य की देखभाल के लिये “रोटी कपड़ा सस्ती हो-दवा पढ़ाई मुफ़्ती हो”कि तर्ज पर इस ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान का निर्माण कर महल तैयार करवाया था जो बाद में उनके बेटे अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते पिता के सपनो को आगे बढाते हुये विश्वविद्यालय में तब्दील कर दिया,मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर विश्वविद्यालय को ऐसा दुल्हन की तरह सजाया और धुलाया गया जैसे लगा कि आज ही 15 साल की जमी धूल साफ हो गयी हो, झाड़ू लगातार चलती रही धूल हटती रही.

अपर चिकित्सा अधीक्षक कोविड चिकित्सको को निर्देश जारी किया कि ” कोविड चिकित्सालय में भर्ती मरीज या उसके तीमारदार से बाहर से दवाएं ना मंगवाये,चिकित्सालय में कोविड क़ी दवाएं उपलब्ध है”,जबकि हकीकत यह है कि गरीब मरीज वर्षों से बाहर से दवा लेने को मजबूर होते चले आ रहे है,कुछ दिन पहले ही जेआर डॉक्टरो ने दवा की कमी के चलते 24 घंटे की हड़ताल भी की थी, हकीकत कुछ और ही बयां करती है,सैफई विश्वविद्यालय के पास करीब 30 मेडिकल स्टोर है,जाँच लेबे खुली है,सीटी स्कैन सेंटर खुले है जिस मेडिकल पर जाओ हर वक़्त गरीब मरीजो के तीमारदारों के हाथों बाहर से दवा खरीदने का पर्चा ही होता है,जबकि नियम होता है कि विश्वविद्यालय की परिधि से काफी दूर होना चाहिए,कर्मचारियों से लेकर डॉक्टरो के लिखे पर्चे कोड वर्ड के रूप में बंधे हुए मेडिकल स्टोरों से गरीब मरीजो को दवा लाने को मजबूर कर देते है जिनका शाम को कमीशन के तौर पर हिस्सा पहुँच जाता है।।

73 कोविड पॉजिटिव भर्ती 459 है 15 सालो में पहली बार कोई विपक्ष पार्टी का मुख्यमंत्री सैफई की समाजवादी धरती पर निरीक्षण करने पहुचे है इसको लेकर सैफई विश्वविद्यालय के अधिकारियों के हाथ पांव फूलते नजर आ रहे है,
मुख्यमंत्री ने सैफई पहुच कर सब से पहले ऑक्ससीजन प्लांट का निरीक्षण किया.

इटावा से शारिक अंसारी

By Monika