Moradabad: Dare not lose in CORONA epidemic, earning so many thousand every day …..

नौकरी चली जाने के बाद लगाई चाय की दुकान, हर माह कमा रहे तीन से पांच हजार रुपये पीएम नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी के Containment Model को देश के बाकी शहरों के लिए रोल मॉडल बताया है. यूपी से यहां हर दिन दोपहर एक बजे तक बाजार बंद हो जाते हैं. जबकि Corona curfew में जरूरी सामान वाली दुकानें खुले रखने के आदेश हैं. पर वाराणसी में ऐसा नहीं हैं. वहां की जनता और दुकानदारों ने मिल कर ये फैसला किया है.

Weekend curfew में भी ऐसा ही होता है. जरूरी सामान की खरीद बिक्री के लिए दुकानें दोपहर में ही बंद कर दी जाती हैं. ये पहल दुकानदारों की तरफ से की गई है. जिले के डीएम कौशलराज शर्मा ने कहा कि हम लोगों ने तो अप्रैल महीने की शुरूआत में ही Containment Plan तैयार कर लिया था. शहर के अलग-अलग इलाको में व्यापारियों से बात कर बाजार बंद कराने की शुरूआत भी कर दी थी. उन्होंने कहा कि एक गली की मैपिंग की गई थी. इसका नतीजा ये रहा कि जब बाकी शहरों में दूसरी लहर में कोरोना तेजी से फैला. वाराणसी में इसका असर थोड़ा कम रहा.

वाराणसी ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए भी एक अलग मॉडल तैयार किया है. यूपी के बाकी जिलों में नोडल अफसर वाला सिस्टम है. एक Senior IAS अधिकारी या फिर जिले के डीएम को ही कोरोना का नोडल अफसर बनाया गया. हर उस Private hospital की जिम्मेदारी भी एक अधिकारी को दी गई जहां कोविड मरीजों का इलाका होता है. लेकिन वाराणसी का अपना अलग मॉडल है. यहां Enforcement Committee बनाई गई. जिसमें Income Tax, जीएसटी, सप्लाई और पुलिस विभाग और पुलिस के अफसरों को इस कमेटी का मेंबर बनाया गया.

दवा की कालाबाजारी, अस्पताल में मरीजों से अधिक पैसे लेना की शिकायतें निपटाने की जिम्मेदारी इस कमेटी को दी गई. तय हुआ कि न तो अस्पतालों सीज किए जायेंगे ना ही उन पर केस होगा. यही सोच दवा दुकानदारों के लिए भी बनाई गई. इसके पीछे तर्क यही था कि अगर अस्पताल और DOCTRS को केस मुकदमा में फंसाया गया तो फिर कोविड के इलाज में परेशानी हो सकती है. अगर डॉक्टरों ने विरोध कर दिया तो फिर लेने के देने पड़ जायेंगे. इसीलिए अस्पताल के खिलाफ ओवर चार्ज की शिकायत मिलने पर कमेटी उसकी जांच करती थी. अगर मरीज से पैसा अधिक लिया गया तो फिर उसे वापस कराया जाता थ.

किसी अस्पताल या DOCTRS के खिलाफ लगातार शिकायत मिलने पर इनकम टैक्स और जीएसटी में उसकी फाइल खोल दी जाती है. लेकिन केस नहीं किया जाता है. इस मॉडल से फायदा ये रहा कि कोरोना की पहली लहर में सिर्फ 6 तो दूसरी लहर में 52 प्राइवेट अस्पताल कोविड वार्ड बनाने को तैयार हो गए. प्रधानमंत्री ऑफिस यानी पीएमओ के साथ-साथ लखनऊ से सीएम ऑफिस भी लगातार वाराणसी की मॉनिटरिंग करता रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो खुद वहां का दौरा किया और कामकाज को देखा.

अगर वाराणसी में CORONA से निपटने में गड़बड़ी होती तो फिर पीएम नरेन्द्र मोदी पर भी उंगलियां उठतीं. इसीलिए वहां हालात बेहतर होने पर मोदी अब वाराणसी मॉडल का गुणगान कर रहे हैं. पीएमओं में सेक्रेटरी रह चुके और अब बीजेपी एमएलसी अरविंद शर्मा ने वाराणसी का काम की सराहना करने पर उन्हें थैंक्यू कहा है.

By Monika