मां गंगा का जल, जल नहीं, अमृतधारा है: संजीव
-गंगोत्पत्ति दिवस पर हुआ मां भगीरथी का पूजन और गायत्री महायज्ञ
-कोरोना महामारी के निवारणार्थ यज्ञ भगवान को समर्पित कीं विशेष आहुतियां
उझानी : अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से गंगोत्पत्ति दिवस पर प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर गायत्री महायज्ञ हुआ। कोरोना महामारी के निवारणार्थ यज्ञ भगवान को कृमिनाशक मंत्र, आपद् रक्षार्थम् आहुतिः और कोरोनाजनितरोग निवारणार्थम् आहुतियां समर्पित की गईं। देवकन्याओं ने जीवनदायिनी मां गंगा का पूजन कर आरती की। युवा शक्ति ने ‘‘जय जय गंगे माई की, हिम्मत करो सफाई की‘‘ के जयघोष किए।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि मां, मां होती है। मां गंगा को कूड़ा ढोहने वाली नौकरानी न समझें। गंगा पुत्र बनकर करूणामूर्ति मां गंगा की निर्मलता लौटाएं। मां गंगा का जल, जल नहीं, अमृतधारा है। इसके आचमन से पाप धुल जाते हैं, स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मां के रूप में गौ, गंगा, गायत्री जीवन पर्यंत पालन पोषण और प्राणी जगत की रक्षा करती हंै। इसके बाद भी हम इन माताओं का अस्तित्व खोते जा रहे हैं। युवा भूमिपुत्र, गोपालक और गंगा सेवक बनकर गौ संर्वद्धन, हरीतिमा संवर्द्धन करें। भारतभूमि की अमृतधारा को सदानीरा बनाएं।
समाजसेवी रामनिवास शर्मा ने कहा कि मोक्षदायिनी मां गंगा में बासी फूल, पूजा सामग्री, कूड़ा करकट और प्लास्टर आॅफ पेरिस से बनी जहरीले रंगों से रंगी प्रतिमाओं को प्रवाहित कर उसके आंचल को गंदा न करें। गंगा तटों के किनारे खेतों में रासायनिक खादों और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग से बचें। गंदे नालों और नालियों के पानी को गंगा में प्रवाहित न करें।
देवकन्याओं ने मां भागीरथी का पूजन किया। यज्ञ भगवान को गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और कोरोना महामारी के निवारणार्थ विशेष आहुतियां समर्पित कीं। इस मौके पर मृत्युंजय शर्मा, रीना, आरती, हेमंत शर्मा, दीप्ति शर्मा, भूमि शर्मा, सौम्या, अंजलि, राखी, खुशबू, अंशुल आदि मौजूद रहे।